Aug 10, 2023, 12:41 PM IST

आकाश के बाद अब पाताल में भी खोज करेगा भारत

Kuldeep Panwar

Chandrayaan-3 और इसके बाद Gaganyaan के जरिये भारत आकाश के रहस्य खोज रहा है.

अब भारत पाताल की भी खोज करने जा रहा है. इसके लिए Samudrayaan Project बनाया गया है.

समुद्रयान प्रोजेक्ट के तहत भारत समुद्र में 6,000 मीटर की गहराई पर अपनी रिसर्च टीम को भेजेगा.

केंद्रीय भूविज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने इस प्रोजक्ट की जानकारी राज्यसभा में लिखित जवाब में दी है.

समुद्रयान प्रोजेक्ट भारत का पहला अभियान है, जिसमें इंसान को सागर की गहराइयों में भेजा जाएगा.

इस मिशन में 3 लोगों की टीम समुद्री गहराइयों में छिपे संसाधनों और बायो-डायवर्सिटी की खोज करेगी.

मिशन की तैयारी चेन्नई के National Institute of Ocean Technology करेगा, जो 2026 में लॉन्च हो जाएगा.

मिशन में एक खास सबमर्सिबल यूज होगी, जिसका नाम मत्स्य-6000 (Matsya-6000) रखा गया है.

मत्स्य-6000 नॉर्मल ऑपरेशन में 12 घंटे और इमरजेंसी कंडीशन में 96 घंटे समुद्र के अंदर रह सकती है.

इस प्रोजेक्ट का मकसद समुद्री गहराइयों में खोज से रोजगार के नए संसाधनों की तलाश करना है.

'New India Vision' के तहत बने इस 5 साल के प्रोजेक्ट के लिए 4,077 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है.

अभी तक समुद्री गहराइयों में मानवीय अभियान की क्षमता यूएस, रूस, चीन, जापान और फ्रांस के ही पास है.

भारत इस प्रोजेक्ट के शुरू होते ही मानवीय अभियान की क्षमता वाला दुनिया का छठा देश बन जाएगा.