Aug 8, 2024, 03:25 PM IST

गांधी के समय तवायफों ने क्यों उतार दिए थे अपने जेवरात?

Rahish Khan

देश की आजादी में समाज के हर तबकों ने अपना योगदान दिया था.

इनमें भारतीय तवायफें भी शामिल थीं, जिन्होंने अपनी क्षमता के अनुसार अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी.

वैसे तो तवायफों की महफिल राजा-महाराजाओं के मनोरंजन के लिए सजती थी.

लेकिन जब देश की आजादी की लड़ाई लड़ी गई तो उन्होंने खुफिया एजेंट के तौर पर काम किया. 

 1920 से 1922 तक महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन चलाया गया था.

इस दौरान वाराणसी में तवायफों ने स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन करने के लिए तवायफ सभा का गठन किया था.

इस सभा का नेतृत्व मशहूर तवायफ हुस्ना बाई ने किया और अंग्रेजों को मुंहतोड़ जवाब दिया.

तवायफों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया और पूरी एकता से विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया.

तवायफों ने अपने गहने उतारकर हाथों में लोहे की हथकड़ियां पहन ली थी. यह देखकर अंग्रेज भी घबरा गए थे.