Dec 4, 2023, 02:06 PM IST

अब कहां भटकते हैं महाभारत के अश्वत्थामा

DNA WEB DESK

आश्वत्थामा के साथ उनके माथे का घाव भी अमर हो गया है. वह दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

महाभारत के मुताबिक वे आज भी जिंदा हैं, माथा मवाद से भरा है और दर-दर भटकते हैं.

अश्वत्थामा को भगवान कृष्ण से अमरता का अभिशाप मिला है.

महाभारत के अनुसार, वह कौरव-पांडवों का सबसे बड़ा अपराधी है.अश्वत्थामा से बड़ा अपराध किसी ने भी नहीं किया था.

अश्वत्थामा पांडवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य का पुत्र था. पिता द्रोणाचार्य  के वध का बदला लेने के लिए उसने द्रौपदी के पांच सो रहे पुत्रों को मार डाला था. अश्वत्थामा उन्हें पांडव समझ कर मार आया था.

उसने उत्तरा की कोख में पल रहे अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित पर भी ब्रह्मास्त्र चला दिया.

उसके इस कृत्य से कौरव भी खुश नहीं हुए थे. कौरव और पांडव एक ही कुल के थे. उन्हें भी दुख हुआ था.

भगवान ने जब सुना तो उन्होंने अश्वत्थामा के माथे की मणि निकलवा ली.

भगवान ने उसे हमेशा भटकने भटकते रहने का श्राप दिया. उसके सिर से हमेशा मवाद बहता रहता है. कहते हैं कि वे नर्मादा के तटीय जंगलों में वे आज भी भटकते हैं.