दिल्ली में किस जगह को कहा जाता है 'विधवा कोलॉनी' और क्यों?
Meena Prajapati
1984 का वो सिख विरोधी दंगा जिसमें कई जानें चली गईं. किसी के पिता तो किसी के भाई नहीं रहे.
आज से 40 साल पहले जो वीभत्स घटना घटी उसका दंश उनके परिवार आज भी भुगत रहे हैं.
उन दंगों में किसी को जिंदा जला दिया गया तो किसी को चाकू, छड़ मारकर खत्म कर दिया गया.
1984 के सिखों का नरसंहार भारतीय सिखों के साथ अमानवीय अत्याचार और नरसंहार था, जो इंदिरा गांधी के हत्या के बाद हुआ.
इस नरसंहार का दंश सबसे ज्यादा दिल्ली ने झेला. यही वजह है कि यहां कि एक कॉलोनी का नाम ही 'विधवा कॉलोनी' पड़ गया.
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया कि पश्चिमी दिल्ली के तिलक विहार कॉलोनी, जिसे दंगों के वजह से 'विधवा कॉलोनी' भी कहा जाता है, के नाम को स्थानीय लोगों के इच्छानुसार बदलने की भी घोषणा की.
माना जाता है कि इस दंगे में दिल्ली में लगभग 2,800 सिख मारे गए और देश भर में 3,350 सिख मारे गए थे.
गुरुवार को एलजी वीके सक्सेना ने इस दंगे के 40 साल बाद दंगे में बचे 47 लोगों को नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र बांटे.
एलजी ने कहा, 'इस वीभत्स घटना में अपने परिजनों को खोने का दर्द कभी कम नहीं हो सकता लेकिन पीड़ितों के प्रति सहानुभूति और करुणा भाव से उन ज़ख्मों पर मरहम ज़रूर लगाया जा सकता है.'