काशी विश्वनाथ मंदिर के नामो निशान मिटाने की मुस्लिम शासकों ने कितनी बार की कोशिश
Kavita Mishra
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का मामला बढ़ता जा रहा है. ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे और वीडियोग्राफी के बात कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं.
ऐसे में चलिए हम आपको बताते हैं कि वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास क्या है.
काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है. विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है.
इतिहासकार मीनाक्षी जैन के मुताबिक, 1194 ईस्वी में पहली बार मोहम्मद गोरी के सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक ने काशी विश्वनाथ मंदिर पर हमला कर ध्वस्त कर दिया था.
कहा जाता है कि 1296 ईस्वी में एक गुजराती व्यापारी ने काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण करवाया था. इसके साथ यह भी दावा किया जाता है कि जब दोबारा मंदिर का निर्माण कराया गया तो मूल काशी विश्वनाथ मंदिर के थोड़ा दक्षिण दिशा में करवाया गया.
कई इतिहासकारों का दावा है कि 1447 ईस्वी में इसे एक बार फिर जौनपुर के सुल्तान महमूद शाह ने तुड़वा दिया.
अपने शासनकाल में महमूद शाह ने वाराणसी के कई मंदिरों को तुड़वाया था.
दावा किया जाता है कि इसके बाद करीब 125 साल तक वहां कोई मंदिर नहीं था.
वर्तमान में जो बाबा विश्वनाथ मंदिर स्थित है, उसका निर्माण महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1780 में करवाया था.