महाराणा प्रताप का पोता, जिसके नाम हैं 8 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
Kuldeep Panwar
मुगलों को चुनौती देने वाले भारतीय राजाओं की बात आती है तो मेवाड़ के महाराणा प्रताप का नाम छत्रपति शिवाजी के साथ सबसे ऊपर होता है.
महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर की सेना के बीच हल्दी घाटी का युद्ध तो भारतीय इतिहास की सबसे चर्चित लड़ाइयों में से एक है.
महाराणा प्रताप के बाद उनके वंशज भी हमेशा डटे रहे. इसी कारण रजवाड़े खत्म होने के बावजूद मेवाड़ के राजघराने का जनता में उतना ही सम्मान है.
फिलहाल मेवाड़ के महाराणा अरविंद सिंह हैं, जिनके बेटे डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के नाम 1-2 नहीं पूरे 8 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी कि लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने महज 6 साल के अंदर 8 अलग-अलग कामों में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.
लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के सभी गिनीज रिकॉर्ड समाजसेवा, राहत सेवा, महिला स्वच्छता प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण आदि से जुड़े हैं.
लक्ष्यराज ने मार्च 2019 में दुनिया के 80 शहरों से 3.29 लाख 250 कपड़े एकत्रित कर जरूरतमंदों तक पहुंचाकर अपना पहला रिकॉर्ड बनाया था.
उन्होंने दूसरा रिकॉर्ड अगस्त 2019 में 24 घंटे के अंदर सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं में 20 टन से ज्यादा स्टेशनरी बांटकर बनाया था.
लक्ष्यराज का तीसरा रिकॉर्ड जनवरी 2020 में बना था, जब उन्होंने अपनी टीम के साथ 20 सेकेंड में 4,035 पौधे जमीन में रोपने का काम किया था.
जनवरी 2021 में लक्ष्यराज ने महज 1 घंटे में 12,508 महिलाओं को सेनेट्री पैड, सेनेटाइजर, टूथब्रश जैसे महिला स्वच्छता प्रबंधन प्रॉडक्ट बांटकर चौथा रिकॉर्ड बनाया था.
2,800 गरीबों को जनवरी 2022 में एक घंटे के अंदर स्वेटर पहनाकर उन्होंने अपना 5वां गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया था.
कोई भूखा ना सोए पहल के साथ जनवरी 2022 को एक घंटे में खाने के 2,800 पैकेट बंटवाकर लक्ष्यराज ने 6वां गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था.
लक्ष्यराज और उनकी टीम ने जनवरी 2023 में बीज भविष्य अभियान के तहत कई प्रजाति के 21,058 पेड़ों के बीज बोकर 7वां रिकॉर्ड बनाया था.
इस साल भी लक्ष्यराज जनवरी में 8वां रिकॉर्ड बना चुके हैं. यह रिकॉर्ड मेंटल स्ट्रेस मैनेजमेंट से जुड़ा है, जो पहली बार दुनिया में किसी ने बनाया है.
28 जनवरी, 1985 को जन्मे लक्ष्यराज राजकुमार होने पर भी बेहद सादी जिंदगी जीते हैं. वे उदयपुर में आम लोगों की तरह घूमते भी दिख जाते हैं.
लक्ष्यराज ने अजमेर के मशहूर मेयो कॉलेज से स्कूली शिक्षा लेने के बाद ऑस्ट्रेलिया से BCom किया है. वे होटल मैनेजमेंट बिजनेस से जुड़े हैं.
क्रिकेट खेलने के शौकीन लक्ष्यराज की सादगी ऐसी है कि होटल मैनेजमेंट के सारे गुर सीखने के लिए वे वेटर के तौर पर भी काम कर चुके हैं.
लक्ष्यराज की पत्नी का नाम निवृत्ति कुमारी है. उन दोनों के 9 साल की एक बेटी मोहलक्षिता कुमारी और 5 साल का बेटा है.