Aug 1, 2023, 03:58 PM IST

मुस्लिम बने इस नंगे फकीर से डरता था औरंगजेब, कटवा दिया था गला

Kuldeep Panwar

मुगल बादशाह औरंगजेब खुद को सूफी संत कहता था, लेकिन उसकी क्रूरता से पिता-भाई भी नहीं बचे थे.

इस क्रूरता का शिकार मुस्लिम सूफी संत नंगे फकीर भी हुए थे, जिनसे औरंगजेब भी बेहद डरता था.

नंगे फकीर नाम से मशहूर सरमद काशानी की दरगाह दिल्ली की जामा मस्जिद से मीना बाजार के बीच में है.

सरमद का जन्म 1590 में ईरान के यहूदी व्यापारी परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने इस्लाम कबूल कर लिया था.

मुगल बादशाह शाहजहां के आखिरी दिनों में वे हिंदू युवक अभिचंद के मुरीद होकर भारत आ गए थे.

सरमद दिल्ली की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे बैठे रहते थे और रुबाइयां गाते रहते थे.

जीवन के आखिरी दिनों में वे निर्वस्त्र रहने लगे थे, इस कारण उन्हें नंगा फकीर कहा जाने लगा था.

औरंगजेब के भाई दारा शिकोह की सरमद से बेहद गहन दोस्ती थी. इस कारण ही औरंगजेब उनसे खफा था.

दारा शिकोह का कत्ल करने के बाद औरंगजेब सरमद से डरता था, क्योंकि जनता में उनका बेहद प्रभाव था.

सरमद इस्लाम के कलिमा को केवल 'ला इल्लाह' तक ही अधूरा पढ़ते थे, इसी का औरंगजेब ने लाभ उठाया.

औरंगजेब ने उन्हें इस्लाम विरोधी घोषित किया और जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे ही सिर कटवा दिया.

कहा जाता है कि सरमद का धड़ कटा हुआ सिर हाथ में लेकर जामा मस्जिद की सीढ़ियां चढ़ता चला गया.

सीढ़ियां चढ़ते समय दिल्ली में बड़ा भूकंप आया, तब किसी फकीर ने कहा, फकीर का इतना गुस्सा ठीक नहीं.

इतना सुनने के बाद सरमद का धड़ नीचे गिरा. इसके बाद सरमद की मजार सीढ़ियों के नीचे ही बना दी गई.