Feb 19, 2024, 11:35 PM IST
कौन थे तीस मार खां, जिनके नाम पर बन गया जुमला
Puneet Jain
'ज्यादा तीस मार खां मत बनो' जब कोई व्यक्ति ज्यादा बहादुरी दिखाता है तो ऐसा कहा जाता है.
तीस मार खां का इतिहास 140 साल पुराना है.
हैदराबाद के छठे निजाम मीर महबूब अली खान को तीस मार खां कहा जाता था.
साल 1880-1890 तक उन्होंने जंगल में कैंप किया था और उस दौरान उन्होंने 30 टाइगरों का शिकार किया था.
उनकी इस बहादुरी पर उन्हें तीस मार खां की उपाधि मिली थी.
इनके पोते आजम माह ने इन्हें भी पीछे छोड़ दिया था. उन्होंने मात्र 33 दिनों में 35 चीतों का शिकार किया था.
महबूब अली खान से पहले हैदराबाद के 5वें निजाम अफजल-उद-दौला ने करीब 300 टाइगरों का शिकार किया था.
शिकार करने के अलावा तीस मार खां को कविताएं लिखने का भी काफी शोक था.
वह उर्दू, तेलुगू और फारसी भाषा बोलना व लिखना जानते थे. तेलुगू और उर्दू में उन्होंने काफी कविताएं लिखी थी.
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