Aug 30, 2024, 03:04 PM IST

भारत के इस गांव में नहीं पहने जाते जूते-चप्पल

Kuldeep Panwar

आप शायद ही कहीं सड़क पर बिना जूतों के नंगे पैर घूमते होंगे, लेकिन भारत का एक गांव ऐसा है, जहां जूते-चप्पल पहनने पर बैन है.

दक्षिण भारत के इस गांव में बाहर से आने वाले लोगों को भी ग्राम सीमा में पहुंचते ही जूते-चप्पल निकालकर हाथ में उठाने पड़ते हैं.

अंडमान नाम का यह गांव तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 450 किमी दूर है, जहां रहने वाले करीब 130 परिवार जूता-चप्पल नहीं पहनते हैं.

खेती-किसानी से गुजारा करने वाले इस गांव में केवल बुजुर्गों और बीमार लोगों को ही पैर में चप्पल पहनकर घूमने की इजाजत मिलती है.

दरअसल इस गांव की यह परंपरा ग्राम देवी मुथ्यालम्मा से जुड़ी है. मान्यता है कि पूरा गांव देवी का मंदिर है, जिसकी रक्षा वे खुद करती हैं.

इसी मान्यता के कारण ग्रामीण किसी मंदिर की तरह ही गांव के अंदर बिना जूता-चप्पल पहने नंगे पैर घूमकर देवी को सम्मान देते हैं.

इसी मान्यता के कारण ग्रामीण किसी मंदिर की तरह ही गांव के अंदर बिना जूता-चप्पल पहने नंगे पैर घूमकर देवी को सम्मान देते हैं.

गांव में आने वाले बाहरी व्यक्ति को भी ग्रामीण इस परंपरा की जानकारी देते हैं, जिसके बाद वे लोग भी बिना जूता-चप्पल ही नंगे पैर घूमते हैं.

गांव में आने वाले बाहरी व्यक्ति को भी ग्रामीण इस परंपरा की जानकारी देते हैं, जिसके बाद वे लोग भी बिना जूता-चप्पल ही नंगे पैर घूमते हैं.

गांव में जूते-चप्पल पहनने से किसी को जबरदस्ती नहीं रोका जाता है. ग्रामीणों का मानना है कि देवी के सम्मान में सबको खुद ऐसा करना चाहिए.

गांव में जूते-चप्पल पहनने से किसी को जबरदस्ती नहीं रोका जाता है. ग्रामीणों का मानना है कि देवी के सम्मान में सबको खुद ऐसा करना चाहिए.

मान्यता है कि यदि गांव में जूता-चप्पल नहीं पहनने का नियम तोड़ा जाएगा तो एक रहस्यमयी बुखार फैलेगा, जिससे सबकी मौत हो जाएगी.