Nov 5, 2024, 06:45 AM IST

किस उम्र में कोठे पर उतारी जाती थीं तवायफें?

Ritu Singh

तवायफों की बेटियां ही कोठे पर केवल नहीं मुजरा करती थीं, बल्कि बाहर से भी लड़कियों को लाया जाता था.

कोई दुश्मनी वश तो कोई पैसे के लिए लड़कियों को अगवा कर कोठे पर बेच देते थे.

बेहद कम उम्र में लड़कियों को कोठे पर लाया जाता था और उनको गीत-संगीत, मुजरा और उर्दू की तामील दी जाती थी.

लेकिन किस उम्र में उन्हें कोठे पर तवायफ के रूप में मुजरा कराया जाता था क्या आप जानते हैं?

किसी भी लड़की को कोठे पर तवायफ बनने से पहले कुछ रस्म निभानी होती थी और ये रस्म के खास उम्र में होती थी.

तवायफ बनाने की उम्र 12 से 13 साल के बीच होती थी और ये तब होती थी जब उनके शारीरिक संरचना में बदलाव आते थे.

तवायफ बनने की पहली रस्म अंगिया होती थी और ये रस्म 12 साल की उम्र से शुरू होती थी. इसमें कोठे पर उत्सव होता था और ...

लड़कियों को अंडरगार्मेंट्स पहनाए जाते थे. जिसका मतलब था की लड़की अब मुजरा करने के लिए परिपक्व हो चुकी है.

इस रस्म के बात होती थी मिस्सी और सबसे अंत में होती थी अंतिम मुजरे की रस्म. इसके बाद फिर कभी तवायफ मुजरा नहीं करती थी.