Oct 5, 2024, 10:37 AM IST

Chanakya Niti: इन 5 मौकों पर होती है अपने और पराये की पहचान

Nitin Sharma

आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वानों थे. उन्हें अर्थशास्त्र से लेकर सामाजिक शास्त्र समेत कई  शास्त्रों का बड़ा ज्ञान था. 

उन्होंने चाणक्य नीति की रचना की, जिसमें समाज में जीने से लेकर अपने और पराय की पहचान के संबंध में भी बताया गया है. 

आचार्य चाणक्य ने बताया कि अगर आपको अपने और पराय की पहचान करनी है तो इन 6 मौकों पर कर सकते हैं. आइए जानते हैं वो मौके.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति बीमारी में आपका ध्यान रखें. आपके साथ रहे. समझ लें कि वही व्यक्ति आपका सच्चा हितैषी दोस्त है. 

जो व्यक्ति आपके विपरीत समय या दुख में काम आये. वही व्यक्ति आपका दोस्त और मित्र हो सकता है. 

आर्थिंक तंगी या अकाल के समय जो आपके लिए धन या खाने की व्यवस्था करें. वह व्यक्ति ही आपका सच्चा मित्र हो सकता है. 

जब आप किसी विवाद में फंस जाये या दुश्मन सामने हो. तब आपका साथ खड़े होकर साथ निभाने वाला शख्स ही आपका अपना हो सकता है. 

जब कभी आप किसी कोर्ट केस या मुकदमें में फंस गये हैं. उस समय आपका साथ देने वाला व्यक्ति ही आपका सच्चा हितैषी या मित्र हो सकता है.