Nov 22, 2024, 08:42 AM IST
इन 3 चीज़ों के लिए खून के आंसू रोती थीं तवायफें
Smita Mugdha
तवायफों की जिंदगी काफी ऐशो-आराम से भरी होती थी और उनके पास खूब दौलत होती थी.
तवायफों के पास बेशुमार दौलत होती थी और वो बेहद महंगे शौक भी रखती थीं.
कुछ तवायफों के पास तो रानियों की तरह भारी गहने होते थे और ये अपने पास खूब दौलत जमा करती थीं.
इतनी दौलत होने के बाद भी तवायफें अपनी जिंदगी में कुछ काम ऐसे थे जो नहीं कर सकती थीं.
सनातन परंपरा में परिवार के लिए होने वाली विधिवत पूजा और अनुष्ठानों में शामिल होने की अनुमति सामाजिक रीति में नहीं होती थी
इसी तरह से तवायफों को शादी और बच्चे के जन्म के वक्त किए जाने वाले कुछ संस्कारों में शामिल नहीं किया जाता था.
इसी तरीके से समाज के प्रतिष्ठित लोगों की मौत के बाद होने वाले धार्मिक कार्यों में तवायफें शामिल नहीं होती थीं.
सामाजिक ताने-बाने की वजह से लागू इन पाबंदियों से अलग तवायफों को समाज में कला के संरक्षक समझा जाता था.
तवायफों के कोठे पर कला और संस्कृति का संरक्षण होता था और अदब की दुनिया वहां गुलजार रहती थी.
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तवायफों के कोठे पर होते थे रोंगटे खड़े करने वाले ये घिनौने काम
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