Aug 22, 2024, 11:11 AM IST

तवायफों को कोठों पर करने पड़ते थे ऐसे-ऐसे काम

Aman Maheshwari

भारत में मुगल काल के समय पर तवायफ हुआ करती थी जो राजा-महाराजाओं, बादशाहों अमीर और शौकिनों का मनोरंजन करती थीं. 

समाज के ऊंचे तबके के लोग तवायफों के कोठे पर अपने शौक पूरा करने के लिए जाते थें. इनके स्वागत में महफिलें सजा करती थीं.

तवायफ इन्हें खुश करने और इनका मनोरंजन करने के लिए संगीत पेश करती थीं. महफिल में अपने संगीत से तवायफें लोगों का दिल जीत लेती थीं.

कोठे पर आए शौकिनों को खुश करने के लिए तवायफ संगीत के साथ ही नृत्य भी पेश किया करती थीं. कोठों पर देर रात तक मुजरा हुआ करता था.

इनके अलावा मुशायरा, गजल और कव्वाली का भी आयोजन किया जाता था. इसमें तवायफें अपनी गजल और शायरी से शौकिनों को खुश करती थीं.

कई बार उनके साथ जिस्मफरोशी तक होती थी. अगर किसी राजा-महाराजा को तवायफ पसंद आ जाती थी तो उनके साथ संबंध तक बनाते थे.

जब शाम के समय कोठे पर महफिल गुलजार होती थी तो अमीरों के स्वागत के लिए खास इंतजाम किए जाते थें. खाने की चीजों और मदिरा-पान का बंदोबस्त होता था.