Nov 18, 2024, 08:47 AM IST
तवायफों को कला के लिए देनी होती थी ये 5 कुर्बानी
Smita Mugdha
भारतीय कलाओं के संरक्षण में मशहूर तवायफों और उनके कोठे का अहम योगदान रहा है.
तवायफ उस दौर में भी बिना पर्दे के रहते थीं और उनकी जिंदगी में आम महिलाओं की तुलना में काफी खुलापन था.
हालांकि, तवायफों के साज-श्रृंगार और कलात्मक जीवन से अलग भी एक सूना और मुश्किल जीवन होता था.
कला के संरक्षण के लिए उन्हें बहुत सारी कुर्बानियां देनी होती थीं और यह अपने-आप में दर्दनाक है.
कोठे के नियम बेहद सख्त होते थे और तवायफ कोठे की मालकिन से अनुमति लिए बिना बाहर नहीं जा सकती थीं.
तवायफों को अपने कद्रदानों के लिए हर परिस्थिति में मुजरा या संगीत पेश करना होता था और इनकार नहीं कर सकती थीं.
छोटी उम्र से ही कोठे पर लड़कियों को तैयार किया जाता था और इसके लिए रोज घंटों रियाज करना पड़ता था.
तवायफों को आम लड़कियों की जिंदगी के सुख नहीं मिलते थे और उनके पास शौहर, भाई, मां-बाप जैसे रिश्ते नहीं होते थे.
कोठे पर रहने वाली कम खूबसूरत लड़कियों को तवायफों को गजरा बनाने, काजल बनाने जैसे काम भी करने पड़ते थे.
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