Oct 27, 2024, 02:22 AM IST

दिल के ब्लॉकेज खोल देती है भांग की ये चटनी

Kuldeep Panwar

भांग शब्द सुनते ही लोग नशीले पदार्थ की इमेज बनाते हैं, लेकिन इस हरे-भरे पौधे की औषधीय अहमियत भी है, जो आपको हैरान कर देगी.

भांग केवल नशे का सुट्टा लगाने में ही काम नहीं आती है बल्कि भांग की चटनी भी बनाकर खाई जाती है, जो उत्तराखंड में घर-घर में बनती है.

भांग की चटनी नशीली नहीं होती, क्योंकि यह भांग के पत्तों से नहीं बल्कि बीज से बनती है. बेहद स्वादिष्ट होने से लोग बेहद चाव से खाते हैं. 

उत्तराखंड में यूं तो यह चटनी हमेशा ही बनती है, लेकिन होली पर इसे जरूर बनाते हैं, क्योंकि इसके बिना पहाड़ी होली का मजा फीका रहता है.  

क्या आपको पता है कि भांग की चटनी को महज स्वाद के लिए नहीं खाया जाता है, बल्कि यह हमारे दिल की सेहत के लिए भी बेहद अच्छी है.

भांग के बीजों में ओमेगा-3, ओमेगा-6 फैटी एसिड के अलावा प्रोटीन, फाइबर भी होते हैं. साथ ही इनके अंदर एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी मौजूद हैं.

इसके चलते भांग के बीजों की चटनी खाने से हमारे दिल, हड्डी के जोड़ और यहां तक की स्किन भी सुधरती है. बाल गिरने भी रुकते हैं. 

भांग के बीजों में फाइबर की भी बहुत मात्रा होती है. इसके चलते हमें  बार-बार भूख नहीं लगती है और पेट भरा-भरा महसूस होता है. 

भांग का जिक्र हमारे वेदों में भी है. अथर्ववेद में देवताओं के पांच सबसे प्रिय पौधों में भांग भी शामिल है, जिससे देवताओं का सोमरस बनता था.

भांग के औषधीय प्रभाव विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्टडी में भी दिखे हैं, जिनमे इससे कैंसर, एड्स, अस्थमा और ग्लूकोमा तक के ठीक होने की बात सामने आई है.

इलाज में भांग के गांजे के प्रयोग की जानकारी अथर्ववेद में ही नहीं सुश्रुत संहिता में भी दी गई है. इससे सुस्ती, नजला व डायरिया का इलाज होता है. 

भांग के 30 ग्राम बीजों में करीब 9.46 ग्राम प्रोटीन होने से इसके इस्तेमाल से यह हमारे शरीर मसल्स के निर्माण में भी मददगार होती है.