Nov 19, 2024, 02:24 PM IST

रामभद्राचार्य जी ने इन 5 आदतों को रावण से भी ज्यादा बुरा मानते हैं

Smita Mugdha

रामभद्राचार्य जी जीवन में खुशहाली और समृद्धि के लिए कुछ आदतों से दूर रहने की सलाह अपन शिष्यों को देते हैं. 

इन बुरी आदतों को स्वामी रामभद्राचार्य जी रावण की बुराइयों का प्रतीक मानते हैं और इसे तरक्की के रास्ते में बुरा बताते हैं. 

दिखावे की प्रवृति को बुरी आदत मानते हैं. स्वामी रामभद्राचार्य जी का मानना है कि यह व्यक्तित्व को हल्का बनाता है.

स्वामी रामभद्राचार्य जी का कहना है कि जो लोग अपने सहायकों के साथ बुरा बर्ताव करते हैं, वह अच्छे इंसान नहीं हो सकते हैं.

रामभद्राचार्य जी का कहना है कि शारीरिक श्रम करनेवालों का मजाक उड़ाना या नीचा दिखाने की आदत बहुत खराब होती है.

स्वामी रामभद्राचार्य जी किसी भी तरह के नशे के सेवन को बुरी आदत ही नहीं मानते हैं, बल्कि इसे इंसान के सर्वनाश का कारण मानते हैं. 

हमेशा आक्रोशित रहना या दूसरों पर अपना रौब जमाने की आदत को स्वामी जी एक बेहद खराब आदत मानते हैं. 

स्वामी जी का कहना है कि हमेशा क्रोधित रहने या शिकायत करना ऐसी खराब आदत है, जिससे खुशियां घर का रास्ता भूल जाती हैं.

खुश और संतुष्ट रहने के लिए  आज ही स्वामी जी की बताई इन बुरी आदतों से दूर रहने की प्रतिज्ञा लें.