Aug 21, 2023, 05:39 PM IST

अपना लिए स्वामी विवेकानंद के 5 विचार तो नाम से जानेंगे लोग

Nitin Sharma

स्वामी विवेकानंद का जन्म 1863 में हुआ था. उन्होंने मात्रा 25 साल की उम्र में सांसरिक मोह माया त्यागकर सन्यास धारण कर लिया था. 

तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता है.

विवेकानंद जी के गुरु रामकृष्ण परमहंस थे. उन्हीं के बताएं रास्ते पर विवेकानंद चले और आज भी उनके विचार जीवित हैं. उनके विचार धारण करने से व्यक्ति बुलंदियां छूता है.

विवेकानंद जी का असली नाम नरेंद्र नाथ था. सन्यास लेने के बाद गुरु रामकृष्ण परमहंस ने उन्हें विवेकानंद नाम दिया. 

स्वामी विवेकानंद जी कहा है कि जितना बड़ा संघर्ष होगा. जीत उतनी ही बड़ी और शानदार होगी.

स्वामी विवेकानदं ने कहा कि पवित्रता, धैर्य और उद्यम, जिसमें भी ये तीनों गुण एक साथ होते हैं. उसे सच्चे ज्ञान की प्राप्ति शुरू हो जाती है.

स्वामी विवेकानंद जी ने कहा जब तक जीना, तब तक सीखना. इसी का अनुभव जगत में सर्वश्रेष्ठ बनाता है. 

विवेकानंद जी ने कहा है हम जो भी है. वो हमारी सोच ने बनाया है. इसलिए सोचते समय ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं.

विवेकानंद जी ने कहा है कि यह कभी मत बोलो कि मैं नहीं कर सकता, क्योंकि आप अनंत हैं.