Oct 25, 2024, 11:45 PM IST

वेदों में बताए गए हैं पुरुषों के ये  हेयरस्टाइल

Meena Prajapati

भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीन समय से स्त्री-पुरुष की खूबसूरती का हिस्सा रहा उनका हेयरस्टाइल.  

भारत में हेयरस्टाइल के सबसे प्रारंभिक उदाहरणों में से एक सिंधु घाटी सभ्यता (2600-1900 ईसा पूर्व) का उदाहरण है. 

इस काल की टेराकोटा और पत्थर की मूर्तियों में पुरुषों को कई तरह के हेयरस्टाइल में दिखाया गया है.

मोहनजोदाड़ो के एक पुजारी राजा की मूर्ति के बालों का स्टाइल देखकर भी पुरुषों के हेयरस्टाइल का अंदाजा लगाया जा सकता है.

सिंधु घाटी सभ्यता के बाद वैदिक काल (1500 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व तक) आया.

वेदों सहित कई पाठ्य स्रोतों में पुरुषों के कई तरह के हेयरस्टाइल के बारे में बताया गया है.  

इन हेयरस्टाइल में ऊंची गुथी हुई चोटी (ओपासा), सिर के पीछे लपेटे हुए बाल (कुंबा) और बालों का गुच्छा या लट (शिखंडा) शामिल है.

इसके अलावा सिर पर लंबे नुकीले सींग की तरह लट में बंधे बाल (स्तूका), और सिर के ऊपर बंधे हुए उलझे हुए या लट में बंधे बाल (कपर्दा) जैसे हेयरस्टाइल बताए गए हैं.

ऋग्वेद में महिलाओं के हेयरस्टाइल के बारे में भी बताया गया है.