Aug 30, 2024, 10:44 PM IST
मुगल बादशाह, जो मांस नहीं सब्जी खाने के थे चैंपियन
Kuldeep Panwar
बड़े-बड़े होटलों के मेन्यू में मुगल फूड के नाम से मौजूद डिशेज से आम धारणा बन गई है कि मुगल बादशाह गोश्त, चिकन जैसा खाना ही खाते थे.
लेकिन असल में कम से कम तीन मुगल बादशाह ऐसे थे, जो मांस-मछली नहीं बल्कि दाल-रोटी और सब्जियां खाने के शौकीन थे.
मुगल काल के दस्तावेजों के मुताबिक, मुगल बादशाह अकबर, उनके बेटे जहांगीर और फिर बाद में औरंगजेब को साग-सब्जी खाना पसंद था.
अकबर को साग-सब्जी खाने का शौक उनकी हिंदू पत्नी जोधाबाई के कारण लगा था, जिनकी रसोई इतिहास में बेहद मशहूर रही है.
मुगल दस्तावेजों के मुताबिक, जहांगीर को भी लगातार अफीम-शराब लेने के कारण मांस-मछली छोड़कर हरी सब्जियों की शरण लेनी पड़ी थी.
मुगल काल के दस्तावेजों में लिखा गया है कि अपनी क्रूरता के लिए कुख्यात औरंगजेब के खाने की टेबल पर मांस-मछली नहीं सब्जियां होती थीं.
औरंगजेब को साग खाने का बेहद शौक था और उसकी शाही रसोई में भैंस-बकरे के गोश्त के बजाय कई तरह की साग-सब्जियां भरी रहती थीं.
औरंगजेब का सबसे पसंदीदा भोजन गोश्त से बने कबाब नहीं बल्कि गेहूं के कबाब और चने की दाल से बना पुलाव होता था, जिसे वो चाव से खाता था.
औरंगजेब को खिचड़ी और वेज बिरयानी खाने का भी बेहद पसंद था. साथ ही वह तरह-तरह के ताजे फलों को भी बेहद चाव से खाता था.
औरंगजेब शुरुआत से शाकाहारी नहीं थे. लगातार युद्धों में उलझे रहे औरंगजेब को स्वास्थ्य सही रखने के लिए साग-सब्जी खाने की सलाह दी गई थी.
औरंगजेब को हकीमों की इस सलाह पर मांस खाना कुछ दिन के लिए छोड़ना पड़ा. फिर उन्हें साग-सब्जियां भा गईं तो वे खुद ही शाकाहारी हो गए.
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