6-6-6 वॉक रूल, पैदल घूमने का लाभ दोगुना कर देगी ये आदत
Kuldeep Panwar
हमारी सेहत के लिए रोजाना पैदल घूमने के अनगिनत फायदे आयुर्वेद से लेकर एलोपैथी तक हर चिकित्सा पद्धति में बताए गए हैं.
रोजाना सुबह 6 बजे व शाम 6 बजे महज 60 मिनट की वॉकिंग और 6 मिनट के वार्मअप-कूलडाउन से वॉकिंग बैनेफिट दोगुना बढ़ सकते हैं.
इस रूटीन को फॉलो करने को ही 6-6-6 वॉकिंग रूल कहा गया है, जिससे शरीर पर पैदल घूमने का अधिकतम असर दिखता है.
यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी के मुताबिक, रोजाना सुबह 30 मिनट की मॉर्निंग वॉक से दिल की बीमारियों का खतरा 35% तक घटता है.
सुबह 6 बजे घूमने से ताजा हवा फेफड़ों में जाने पर मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है. ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है और बॉडी एनर्जी बढ़ती है.
रोजाना शाम 6 बजे महज 2 से 5 मिनट की इवनिंग वॉक से दिमाग शांत होता है और तनाव घट जाता है. इससे रात में बढ़िया नींद आती है.
रोजाना 60 मिनट की वॉक को अपना गोल बनाइए ताकि शरीर को फैट बर्न करने, दिल को हेल्दी रखने, फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में मदद मिले.
ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, रोजाना 30 से 60 मिनट की मसल्स स्ट्रेंथिंग एक्टीविटीज से CVD और टोटल कैंसर का खतरा घटता है.
रिपोर्ट में दावा है कि कम से एक सप्ताह में 5 बार हमें 60 मिनट की वॉक करनी चाहिए, जिससे मेंटल और फिजिकल, दोनों बैनेफिट मिलते हैं.
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश रिसर्च में कहा गया है कि रोजाना वॉकिंग शुरू करने से पहले 6 मिनट का वार्मअप करना चाहिए.
रोजाना पहले हल्का वार्मअप करने से शरीर का बॉडी टेंप्रेचर बढ़ जाता है, जिससे मसल्स ब्लड फ्लो और नर्व रिसेपटर्स की सेंस्टिविटी बढ़ जाती है.
वॉक करने के बाद 6 मिनट की स्ट्रेचिंग का कूल-डाउन पीरियड भी बेहद अहम होता है. इससे हमारा दिल सामान्य अवस्था में वापस लौट आता है.
स्ट्रैचिंग कूल-डाउन से मसल्स की अकड़न घटती है और रिकवरी बढ़ती है. इससे शरीर फ्लेक्सीबल बनता है और आप बढ़िया महसूस करते हैं.
6-6-6 वॉकिंग रूल का मतलब निरंतरता से है यानी आप रोजाना दिन में दो बार एक घंटे के लिए टहलना, वार्मअप व कूलडाउन करना लगातार करते हैं तो आपको जिम करने की जरूरत नहीं है.