Sep 2, 2024, 01:02 PM IST

क्या है सपिंड विवाह? SC ने क्यों लगाई रोक

Anamika Mishra

हर धर्म में अलग-अलग तरह की परंपराएं और रीति रिवाज होते हैं. 

हर व्यक्ति को अलग धर्म-जाति में विवाह करने की अनुमति है, लेकिन हिंदू मैरिज एक्ट के तहत व्यक्ति एक ही पिंड में शादी नहीं कर सकता है.

हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत कोई भी हिंदू व्यक्ति अपने माता-पिता की तरफ से रिश्ते में लगने वाले भाई-बहन से शादी नहीं कर सकता है. 

ऐसे व्यक्ति से शादी नहीं की जा सकती जिसमें तीन पीढ़ियां एक ही वंश से हों. 

हिंदू मैरिज एक्ट के मुताबिक सपिंड विवाह बैन है क्योंकि इसमें एक ही परिवार में शादी हो जाती है. 

यदि कोई सपिंड विवाह करता है तो उसके लिए सजा का प्रावधान भी है.  

ऐसा करने वाले व्यक्ति को एक महीने की सजा या 1000 जुर्माना भरना पड़ता है. 

वैज्ञानिकों का मानना है कि एक ही गोत्र में शादी करने से बच्चों में अनुवांशिक विकार देखने को मिलते हैं. 

आज भी लोग सपिंड विवाह करते हैं लेकिन हिंदू समाज इसकी कड़ी निंदा करता है.