Aug 4, 2024, 08:52 AM IST

मरकर फिर से जिंदा हो जाती है यह मछली, जानें कैसे मिलता है नया शरीर

Jaya Pandey

इंसान हमेशा से अपनी मृत्यु को मात देने के तरीके तलाशता रहता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक मछली ऐसी भी है जो अमर है.

इस मछली का नाम इमॉर्टल जेलीफिश है जिसका साइंटिफिक नाम ट्यूरिटोप्सिस डोहरनी है जो एक इनवर्टेब्रेट एनिमल होती है.

इस मछली के पास कुछ ऐसी पावर होती है जिससे यह घायल होने या भोजन न मिलने पर अपनी बायोलॉजिकल क्लॉक को पीछे कर सकती हैं.

इस जेलीफिश के जीवन में 5 चरण होती है- फर्टिलाइज्ड एग, प्लैनुला, पॉलिप, इफिरा और मेडुसा.

जब इन पर मौत का खतरा मंडराता है तो यह समुद्र तल में गिर जाती है और Tissue के छोटे से हिस्से (सिस्ट) में बदलकर पॉलीप बन जाती है.

फिर इस पॉलीप से नई जेलीफिश निकलती है और इस तरह से यह कभी मरती नहीं और बार-बार खुद को बदलकर जिंदा रखती हैं.

इस प्रक्रिया को साइंटिफिक भाषा में ट्रांसडिफरेंशियेशन कहा जाता है जो किसी Cell के अनुकूलन का तरीका है.

हालांकि ट्रांसडिफरेंशियेशन के पीछे की वजह अभी भी वैज्ञानिकों के लिए रहस्य है लेकिन उनके मुताबिक इसका जवाब जेलीफिश के जीन से मिल सकता है.

यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर दी गई है डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.