एशियाई शेर
एशियाई शेर (पैंथेरा लियो पर्सिका) सिर्फ गुजरात के गिर वन में ही पाया जाता है. सरकार इनके संरक्षण में जुटी हुई है जिसकी वजह से इनकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
नीलगिरि तहर
नीलगिरि तहर (नीलगिरिट्रैगस हाइलोक्रिअस) पश्चिमी घाट में पाई जाने वाली एक जंगली पहाड़ी बकरी है. अपने घुमावदार सींगों और मांसल शरीर के कारण यह चट्टानों पर चढ़ने में माहिर होती है.
शेर पूंछ वाला मकाक-
पश्चिमी घाट में पाया जाने वाला शेर पूंछ वाला मकाक एक बंदर है जिसका पेट चांदी के रंग का और पूंछ काली और गुच्छेदार होती है. इनकी आबादी में लगातार गिरावट आ रही है जिससे यह लुप्तप्राय प्रजाति बन गया है.
कश्मीरी हिरण (हंगुल)
यह जम्मू-कश्मीर के दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान में पाया जाने वाला एक गंभीर रूप से लुप्तप्राय हिरण प्रजाति है. इनकी सींग अनोखी होती है जिसमें 11 से 16 नुकीले सींग होते हैं. भारत में लाल हिरण की यह एकमात्र प्रजाति है.
संगाई (भौं-सींग वाला हिरण)
हिरण की यह प्रजाति मणिपुर के लोकटक झील क्षेत्र में पाई जाती है. इसके अनोखे, घुमावदार सींग काफी खूबसूरत लगते हैं. इसे मणिपुर का राज्य प्रतीक माना जाता है.
मालाबार सिवेट (विवेरा सिवेटिना)
यह भारत के पश्चिमी घाट में पाया जाता है. अपने विशिष्ट धब्बेदार कोट और कस्तूरी जैसी गंध के लिए जाना जाने वाला यह एक रात्रिचर जानवर है जो अब विलुप्ति के कगार पर पहुंच गया है.
बैंगनी मेंढक (नासिकबत्राचस सह्याद्रेंसिस)-
इस मेंढक का शरीर फूला हुआ बैंगनी रंग का होता है और यह भूमिगत जीवन के लिए अनुकूल है. यह अपना अधिकांश जीवन जमीन के अंदर बिताता है और प्रजनन के लिए मानसून के दौरान साल में केवल कुछ दिनों के लिए बाहर निकलता है.
इंडियन पैंगोलिन (मैनिस क्रैसिकौडाटा)-
यह भारत के विभिन्न क्षेत्रों में पाया जाता है. अपने बख्तरबंद शरीर के लिए जाना जाने वाला यह जानवर खतरे में पड़ने पर गेंद की तरह लुढ़क जाता है और सुरक्षा के लिए अपने स्केल्स का इस्तेमाल करता है.