Space में हुई मौत तो Dead Body के साथ क्या होता है?
Jaya Pandey
क्या आपने कभी सोचा है कि अगर अंतरिक्ष में किसी एस्ट्रोनॉट की मौत हो जाए तो उसका अंतिम संस्कार कैसे होगा?
हालांकि अब तक ऐसा सिर्फ एक बार हुआ है जब स्पेसक्राफ्ट में खराबी की वजह से अंतरिक्ष में एकसाथ 21 लोगों की मौत हुई थी.
लेकिन अगर किसी एक क्रू मेंबर की मौत हो जाए और बाकी जिंदा हों तो फिर उसके शरीर के साथ क्या करना है? यह सबसे बड़ा सवाल होगा.
अगर समय रहते डेड बॉडी के साथ कुछ नहीं किया गया तो बाकी साथियों के भी जान पर खतरा बना रहेगा. ऐसे में उनके पास सिर्फ डेड बॉडी को अंतरिक्ष में छोड़ने का विकल्प होगा.
एक्सपर्ट के मुताबिक अंतरिक्ष में डेड बॉडी को छोड़ने पर काफी कम प्रेशर की वजह से शरीर के सतह पर मौजूद लिक्विड गैस में बदल जाएगा, नसें फट जाएंगी और खून बहने लगेगा.
-454.81 डिग्री जैसे बेहद कम तापमान की वजह से अंतरिक्ष में शरीर में मौजूद बाकी पानी फ्रीज भी हो सकता है. ऐसे में शरीर ममी में तब्दील हो सकती है.
इसके बाद शरीर के साथ जो होगा वह उसके आसपास मौजूद बैक्टीरिया पर निर्भर करेगा. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर हुए रिसर्च बताता है कि बैक्टीरिया अंतरिक्ष में 3 साल तक जिंदा रह सकते हैं.
अगर बैक्टीरिया अबतक शरीर पर जिंदा है तो वो शरीर को डिकम्पोज करने लगेंगे. वहीं अगर शरीर अंतरिक्ष के शक्तिशाली रेडिएशन की चपेट में आ गया तो कार्बन बॉन्ड टूटने लगेंगे और इससे त्वचा और मसल्स डिग्रेड होने लगेंगे.
वहीं अगर शरीर पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष के मलबों और उपग्रहों से टकरा गई तो यह काफी जोखिम भरा होगा.
इस जोखिम से बचने के लिए डेड बॉडी को फेंकने से पहले ध्यान रखना होगा कि यह ग्रह की कक्षा में न छोड़ा जाए.
वहीं अगर शरीर कक्षा में किसी से मलबे या उपग्रह से टकराया नहीं तो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण की वजह से यह धरती की ओर खिंचा चला आएगा और वायुमंडल में आकर जल जाएगा.
नासा एक बॉडी बैग भी विकसित कर रहा है जो अंतरिक्ष यान में अवशेषों को 48 से 72 घंटों तक सुरक्षित रख सकता है, लेकिन दूर की यात्रा में यह तकनीक काम नहीं आएगी.