Oct 8, 2024, 05:53 PM IST

अंतरिक्ष में पेंसिल से क्यों नहीं लिख सकते एस्ट्रोनॉट्स?

Jaya Pandey

'3 इडियट्स' में रैंचो पूछता है कि आखिर अंतरिक्ष में लिखने के लिए एस्ट्रोनॉट्स ने कभी पेंसिल का इस्तेमाल क्यों नहीं किया?

आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों अंतरिक्ष में पेंसिल का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता जिसकी वजह से पेंसिल का ग्रिप कागज पर दबाव नहीं बना सकता और इससे लिखना मुश्किल होता है.

पेंसिल से लिखने के बाद ग्रेफाइट के कण और इसके छिलके इधर-उधर फैल सकते हैं. स्पेस में गुरुत्वाकर्षण ना के बराबर होता है तो ये कण संवेदनशील उपकरणों और एस्ट्रोनॉट्स के आंखों और फेफड़ों तक में जा सकते हैं.

पेंसिल में मौजूद ग्रेफाइट सुचालक है और अगर खुले सर्किट के संपर्क में आता है तो बिजली के उपकरणों में शॉर्ट सर्किट हो सकती है. 

पेंसिल आसानी से टूट सकती है और यह अंतरिक्ष में मलबे की समस्या को भी बढ़ा सकती है. 

स्पेस के लिए डिजाइन किए गए पेन जैसे फिशर स्पेस पेन जीरो ग्रेविटेशन, पानी के अंदर और अधिक तापमान में लिखने के लिए उपयुक्त होते हैं. 

फ़िशर पेन कंपनी ने साल 1968 में स्पेस पेन बनाया था. यह पेन -50 डिग्री फ़ॉरेनहाइट से +400 डिग्री फ़ॉरेनहाइट तक के तापमान में काम कर सकता है.