May 13, 2024, 10:52 AM IST

कबूतर क्यों खाते हैं पत्थर?

Jaya Pandey

आपको रोज कहीं न कहीं कबूतर जरूर दिख जाते होंगे लेकिन आज हम आपको इनसे जुड़ी ऐसी बात बताएंगे जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे.

क्या आपको पता है कि ये कबूतर दाने के साथ छोटे-छोटे पत्थर भी खाते हैं. अब आपके मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर कबूतर ऐसा करते क्यों हैं?

हम आपको बता दें कि ये पत्थरों को खाने की तरह नहीं खाते बल्कि खाने को पीसने के लिए और सही से पाचन क्रिया करने के लिए खाते हैं.

दरअसल चिड़ियों की चोंच तो होती है लेकिन उनके पास खाई हुई चीजों को पीसने के लिए दांत नहीं होते और अपने खाने को पीसने के लिए वो ये पत्थर खाते हैं.

ये पक्षी पत्थरों को अपनी आमाशय के मांसल हिस्से में रखते हैं जिसे गिजार्ड कहा जाता है. गिजार्ड जब सिकुड़ता है तो गेस्ट्रोलिथ(पत्थर) आपस में टकराते हैं और पक्षी का साबुत निगला गया खाना छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता है. 

यूं कहें तो ये पत्थर यानी गैस्ट्रोलिथ ही पक्षियों के दांत होते हैं. जब ये पत्थर नुकीले नहीं रह जाते और खाने को पीसने का काम नहीं कर पाते तो पक्षी इसे उगल देते हैं और नए नुकीले पत्थर फिर से निगलते हैं.

गैस्ट्रोलिथ को स्टमक स्टोन भी कहा जाता है. यह सिर्फ पक्षियों में ही नहीं बल्कि केंचुओं, कुछ मछलियों और एम्फिबियंस में भी पाया जाता है.

गिजार्ड असली आमाशय से जुड़ा होता है. गिजार्ड में छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटने के बाद खाना आगे आमाशय में जाता है और आगे की पाचन क्रिया पूरी होती है.