Sep 1, 2024, 10:25 AM IST

धरती से हो जाएगा पुरुषों का खात्मा? सिकुड़ रहा Y Chromosome

Jaya Pandey

मनुष्यों और दूसरे जानवरों में लिंग का निर्धारण  Y क्रोमोसोम पर पाए जाने वाले जीन पर निर्भर करता है. हालांकि यह क्रोमोसोम सिकुड़ रहे हैं और कुछ लाख साल में गायब हो सकते हैं.

पिछले 300 मिलियन साल में इसने अपने मूल 1438 में से 1393 जीन खो दिया है. जेनेटिक्स की साइंटिस्ट जेनिफर ए. मार्शल ग्रेव्स ने बताया कि 11 मिलियन साल में यह पूरी तरह से गायब हो सकता है.

ऐसे में मनुष्यों में पुरुषों के विलुप्त होने को लेकर आशंकाएं बढ़ गई हैं. हालांकि कुछ जानवर पहले ही अपना वाई क्रोमोसोम खो चुके हैं और अनुकूलन में कामयाब रहे हैं. 

ऐसे में हमारी प्रजाति के लिए आशा की एक किरण दिखाई दे रही है और एक नए लिंग निर्धारण जीन को लेकर आशंकाएं बढ़ रही हैं.

अगर मनुष्यों की बात करें तो महिलाओं में दो एक्स क्रोमोसोम होते हैं जबकि पुरुषों में एक एक्स और एक वाई क्रोमोसोम पाया जाता है. वाई क्रोमोसोम छोटा होता है.

वाई क्रोमोसोम में केवल 55 जीन होते हैं जबकि एक्स क्रोमोसोम में 900 जीन होते हैं. लेकिन वाई क्रोमोसोम में एसआरवाई नाम का एक महत्वपूर्ण जीन होता है जो भ्रूण में पुरुष विकास को गति देता है.

हालांकि इस रिसर्च से इंसानों को बहुत ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि 2022 में प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में प्रकाशित एक पेपर में बताया गया कि कैसे स्पाइनी चूहे ने एक नया नर-निर्धारण जीन विकसित किया.

ऐसे में अब वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि एक नए सेक्स जीन के विकास से पुरुषों को विलुप्त होने से रोका जा सकता है.

वहीं एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी की वैज्ञानिक मेलिसा विल्सन ने 2014 में छपे एक रिसर्च पेपर में बताया था कि हमारे सेक्स क्रोमोसोम हमेशा एक्स और वाई नहीं थे और पुरुषत्व या स्त्रीत्व का निर्धारण विशेष रूप से उनसे जुड़ा नहीं था.