कौन सी शर्त पर युधिष्ठिर जुए में द्रौपदी पर लगाए थे दांव
Ritu Singh
महाभारत में कौरवों और पांडवों के बीच द्यूत क्रीड़ा यानी जुआ खेला गया था.
और इसमें द्रौपदी को युधिष्ठिर ने जुए में हारते हुए दांव पर लगा दिया था.
लेकिन क्या आपको पता है कि जुए में ऐसी क्या शर्त रखी गई थी कि युधिष्ठिर ने द्रोपदी को भी दांव खेल दिया था.
असल में युधिष्ठिर ने सबसे पहले दांव पर अपने हाथी, घोड़े पर दांव लगाया था, इसे हारने पर ...
युधिष्ठिर ने अपने खजाने और फिर सेना पर दांव लगाया और वे वह भी हार गए.
फिर उसके भाइयों और गहने देने पड़े और फिर वह अपने भाई नकुल-सहदेव को भी दांव पर लगाकर हार गए.
तब शकुनि ने कहा वह उन्हें एक और मौका देगा अगर वह भीम को दांव पर लगा दें. फिर उसके बदले वह अब तक का हारा सब ले सकते हैं.
लेकिन युधिष्ठिर भीम, अर्जुन समेत खुद को भी हार गए तब कर्ण ने सुझाव दिया कि अपनी रानी यानी द्रौपदी को दांव पर लगा सकते हैं
शकुनि ने युधिष्ठिर से कहा कि अगर वह द्रोपदी को दांव लगाकर जीत गए थे सब कुछ वापस ले सकते हैं और इसी शर्त पर युधिष्ठिर ने द्रोपदी पर दांव खेल दिया और वह हार गए थे.