महाभारत रोकने के लिए कुरुक्षेत्र में अनशन पर बैठ गया था कौरवों का ये योद्धा
Ritu Singh
चलिए आपको महाभारत के उस योद्धा के बारे में बताएं जिसने युद्ध को रोकने के लिए आमरण अनशन किया था.
कौरवों की तरफ से पांडवों से युद्ध करने के लिए खड़े इस पराक्रमी योद्धा ने युद्ध भूमि पर ही आमरण अनशन कर दिया था ताकि ये युद्ध टल सके.
महाभारत ग्रंथ के अनुसार, ये योद्धा भूरिश्रवा महाराज शांतनु के बड़े भाई के पौते के बेटे थे. भूरिश्रवा न्याय प्रिय थे और उन्होंने अपने इसी स्वभाव के चलते कौरवों और पांडवों में संधि के अनेक प्रयास भी किये थे.
भूरिश्रवा श्री कृष्ण के परम भक्त थे और उन्हीं से इस युद्ध को रोकने के लिए बार-बार प्रार्थना कर रहे थे. तब श्री कृष्ण ने उन्हें युद्ध के महत्त्व के बारे में बताया और उन्हीने युद्ध न रोकने के लिए मना लिया.
इसके बाद भूरीश्रवा ने कौरवों की ओर से युद्ध लड़ा लेकिन वह युद्ध के मैदान में लड़ते-लड़ते भी श्री कृष्ण के नाम का जपा करते थे. भूरिश्रवा बहुत बलशाली थे. उन्होंने युद्ध में पांडवों के कई महावीर और पराक्रमी योद्धाओं को मार गिराया था
भूरिश्रवा से सीधे-सीधे लड़ पाना संभव न था इसी कारण से अर्जुन (अपने ही बेटे के हाथों क्यों मारे गए थे अर्जुन) ने उनपर छुपकर वार किया था और अपने बाण से उनके हाथ काट दिए थे. इसका लाभ उठाकर सात्यिक नामक एक योद्धा ने उनका सिर धड़ से अलग कर दिया था.