May 28, 2024, 10:12 AM IST

महाभारत की ये 10 प्रेम कहानियां, जिसने बदले और वियोग को दिया जन्म 

Ritu Singh

महाभारत में कई प्रेम संबंधों ने ऐसे बवाल किए जिससे उस काल का इतिहास ही बदल गया था.

कुछ प्रेम विवाह सार्थक सिद्ध हुए तो कुछ विध्वंस का कारण बन गए थे. चलिए जानें वो 10  प्रेम कहानियां कौन सी थीं.

 सत्यवती और ऋषि पाराशर-धीवर मछुवारे की पुत्री सत्यवती को देखकर ऋषि पाराशर  आकर्षित हो गए और उससे प्रेम का इजहार किया था.

तब सत्यवती ने ऋषि के सामने 3 शर्तें रखी- 1. उन्हें आवरण बना दिया. 2. उसकी कौमार्यता प्रभावित न हो और शरीर से आने वाली मछली जैसी बदबू , खुशबू में बदल जाए

ऋषि पाराशर ने सभी शर्त मान ली और ऐसे ही सत्यवती और पराशर ऋषि के प्रेम से महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ.

शांतनु का सत्यवती- शांतनु-सत्यवती से प्रेम नहीं करते तो महाभारत और कुरुवंश का इतिहास कुछ और होता. 

महाराजा शांतनु को गंगा से एक पुत्र देवव्रत यानी भीष्म हुए और पिता के प्रेम के लिए ही भीष्म ने आजीवन ब्रह्मचर्य का प्रण लिया था.

कृष्ण और रुक्मणी का विवाह उसके भाई के विरुद्ध हुआ था. श्रीकृष्ण को रुक्मिणी का हरण कर उनसे विवाह करना पड़ा.

अर्जुन और सुभद्रा- बलराम अपनी बहन सुभद्रा को विवाह कौरव कुल में करना चाहते थे लेकिन कृष्ण ने सुभद्रा का अर्जुन के हाथों हरण करवा विवाह करवाया था.

साम्ब और लक्षमणा- कौरवों ने साम्ब को बंदी बना लिया था और बलराम के भय से कौरवों ने साम्ब को छोड़ा और तब लक्षमणा का विवाह हुआ.

हिडिंबा और भीम- लक्षागृह से बचकर निकले पांडव जंगल में सो रहे थे और भीम पहरा दे रहे थे तभी हिंडिंबा उनपर मोहित हो गई.

अर्जुन और उलूपी का प्रेम अर्जुन की चौथी पत्नी का नाम उलूपी था. उलूपी जलपरी थी. उन्हीं ने अर्जुन को जल में हानिरहित रहने का वरदान दिया था.

कर्ण का पहला प्यार द्रौपदी थीं और द्रौपदी को भी कर्ण पसंद थे लेकिन उनका सूत पुत्र होना द्रौपदी और कर्ण की प्रेम कहानी में बाधा बन गया.

राधा और कृष्ण- दोनों का प्रेम अटूट था लेकिन ये प्रेम अधूरा रह गया था.  ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार राधा का विवाह अयनघोष के साथ हुआ था.