Apr 27, 2023, 05:58 AM IST

Badrinath Temple: जानिए क्यों नहीं बजाते इस धाम के अंदर शंख

Kuldeep Panwar

Badrinath Temple उत्‍तराखंड राज्य के चमोली जिले में नर और नारायण पर्वत के बीच में मौजूद है. 

अलकनंदा नदी के किनारे बने भगवान बद्री विशाल के इस मंदिर को पुराणों में अहम माना गया है.

यहां भगवान विष्णु 3.3 फीट के बद्रीनारायण स्वरूप में विराजमान है. यह मूर्ति विष्णु की 8 स्वयंभू मूर्तियों में से एक है.

क्या आप जानते हैं समुद्र तल से 10,279 फीट की ऊंचाई पर स्थित बदरीनाथ मंदिर में शंख नहीं बजाया जाता है.

सनातन धर्म में पूजा के सबसे अहम हिस्से यानी शंख ध्वनि को इस मंदिर से दूर रखने के कई कारण हैं.

मान्यता है कि यहां मां लक्ष्मी तुलसी रूप में तपस्या लीन हैं. उनकी तपस्या भंग ना हो, इसलिए शंख नहीं बजाया जाता.

यह परंपरा भगवान विष्णु के शंखचूड़ राक्षस का संहार करने के बाद विजय शंखनाद नहीं करने से शुरू हुई थी.

मान्यता यह भी है कि मां कुष्मांडा के राक्षसों का संहार करते समय एक राक्षस वतापी यहां रखे शंख में छिप गया.

यदि बद्रीनाथ मंदिर में शंख बजाया जाएगा तो वह राक्षस फिर से बाहर आकर अत्याचार करने लगेगा.

वैज्ञानिक तौर पर यह माना जाता है कि बद्रीनाथ मंदिर में शंख बजने से उसका असर बराबर में ग्लेशियर पर होगा.

ग्लेशियर शंख ध्वनि की लहरों से चटक सकता है, जिससे बर्फीले तूफान जैसी कई प्राकृतिक आपदाएं आ सकती हैं.