नवरात्रि में क्यों की जाती है कलश स्थापना, जानिए इसका महत्व
Nitin Sharma
चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होंगे. यह 17 अप्रैल तक रहेंगे. इसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना और व्रत किया जाता है.
नवरात्रि की शुरुआती यानी पहले नवरात्रि पर कलश स्थापना की जाती है.
कलश स्थापना के बिना नवरात्रि के 9 दिनों की पूजा अधूरी मानी जाती है. यही वजह है कि नौ दिनों तक घर में कलश रखा जाता है.
दशमी तिथि के दिन माता की पूजा अर्चना के बाद कलश विसर्जन करना होता है. आइए जानते हैं कलश स्थापना क्यों की जाती है और इसका महत्व क्या है.
ज्योतिष के अनुसार, कलश को शक्ति,त्रिदेव, त्रिगुणात्मक शक्ति का प्रतीक माना जाता है. कहा जाता है कि कलश में ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव का वास होता है.
यही वजह है कि नवरात्रि की पूजा से पहले कलश स्थापना करते हैं. इसके बाद सभी देवी और देवता पूजा और व्रत के साक्षी बन जाते हैं.
कलश को तीर्थ का प्रतीक भी माना जाता है. कलश के मुख में विष्णु, कंठ में शिव और मूल में ब्रह्मा देव का वास माना जाता है.
कलश में भरा पानी शीतलता, स्वच्छता और पवित्रता का प्रतीक होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)