चाणक्य को इतिहास के सबसे बुद्धिमान व्यक्तियों में से एक माना जाता है, जिनकी नीतियों का पालन कर आज भी जिंदगी बदली जा सकती है.
हमें किस तरह की जगह रहना चाहिए, इसे लेकर भी चाणक्य ने एक सलाह दी है, जिसे सफलता का एक अहम सूत्र माना जाता है.
चाणक्य का कहना है कि कुछ जगह ऐसी होती हैं, जहां रहने पर जिंदगी नरक बन सकती है, लेकिन वहां रहने वाले 5 खास लोग आपका जीवन बदल सकते हैं.
चाणक्य ने 5 ऐसे लोगों के बारे में बताया है, जो आपके इर्द-गिर्द रहते हैं तो कई समस्याएं हल हो जाती हैं और आपकी धन-संपत्ति बढ़ती जाती है.
'धनिक: श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पंचम:। पंच यत्र न विद्यन्ते तत्र दिवसं न वसेत्।।' इस श्लोक में चाणक्य ने निवास स्थान की 5 अनिवार्य जरूरत बताई हैं.
इस श्लोक का अर्थ है- जहां धनी, श्रोत्रिय (वेदों का ज्ञाता), राजा, नदी और वैद्यराज न रहते हों, वहां हमें एक भी दिन नहीं रहना चाहिए.
जहां कोई राजा यानी शासकीय व्यवस्था से जुड़ा व्यक्ति रहता है. वहां रहने से शासकीय योजनाओं का लाभ पाना आसान होता है और आप तरक्की करते हैं.
जहां कोई श्रोत्रिय यानी वेद ज्ञाता रहता है, जो सही-गलत का निर्णय लेता हो तो ऐसी जगह रहने पर धर्म लाभ होता है और पापकर्म से आप दूर रहते हैं.
चाणक्य का कहना है कि जहां धनी व्यक्ति रहता है, वहां अच्छे व्यवसाय होते हैं. इससे आपके लिए बेहतर रोजगार की संभावना बनी रहती है.
जहां डॉक्टर या मेडिकल साइंस का जानकार रहता है, ऐसी जगह रहने से आपको जरूरत के समय तत्काल इलाज मिल सकता है.
पर्याप्त मात्रा में पानी वाली नदी या जल स्त्रोत के करीब रहने से आपको प्रकृति के समस्त लाभ आसानी से प्राप्त हो जाते हैं.
चाणक्य का कहना है कि जहां ये 5 व्यक्ति रहते हैं, वो जगह सबसे उत्तम है. इसलिए इनके आसपास ही निवास करना चाहिए.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.