Nov 6, 2024, 01:32 AM IST
महाभारत में सूर्यदेव ने बचाई थी अर्जुन की जान
Kuldeep Panwar
छठ का महापर्व देश के आधे हिस्से में धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें लोग सूर्यदेव की उपासना कर सुख-समृद्धि और लंबी आयु मांगेंगे.
सूर्यदेव अपने भक्तों पर जमकर कृपा बरसाते हैं. महाभारत में भी सूर्यदेव के चमत्कार के कारण ही महान धनुर्धारी अर्जुन की जान बची थी.
दरअसल अभिमन्यु के चक्रव्यूह में शहीद होने पर उनके पिता अर्जुन ने उस पर आखिरी वार करने वाले जयद्रथ का वध करने की प्रतिज्ञा ली थी.
अर्जुन ने प्रतिज्ञा ली थी कि यदि अगले दिन वे सूर्यास्त तक जयद्रथ का वध नहीं कर पाए तो खुद चिता में बैठकर अग्निसमाधि लेकर जान दे देंगे.
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, कौरव सेना ने अर्जुन की प्रतिज्ञा ध्वस्त करने के लिए जयद्रथ को चारों तरफ से घेरकर सुरक्षा पहरा बना दिया.
अर्जुन के सारथी बने भगवान श्रीकृष्ण को अर्जुन की प्रतिज्ञा की जानकारी मिली तो उन्होंने जयद्रथ वध के लिए एक खास योजना तैयार की थी.
अर्जुन ने युद्ध शुरू होने पर सुबह से ही कौरवों की सेना पर अपने बाणों से कहर बरपाना शुरू कर दिया, लेकिन वह जयद्रथ तक नहीं पहुंचे.
सूर्यास्त से कुछ समय पहले ही सूरज बादलों की ओट में छिप गया और धरती पर अंधेरा छा गया. इससे कौरव खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई.
अर्जुन ने दुखी मन से चिता बनाकर उसमें अग्निसमाधि लेने की तैयारी शुरू कर दी. अर्जुन को मरता देखने के लिए जयद्रथ भी वहां आ गया.
कौरव खुशी मना रहे थे, तभी सूर्यदेव फिर आसमान में चमकने लगे. तभी श्रीकृष्ण ने अर्जुन को अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने का आदेश दिया.
अर्जुन ने तत्काल गांडीव पर तीर चढ़ाया और पलक झपकते ही जयद्रथ का सिर धड़ से अलग होकर धरती की गोद में लेटता हुआ नजर आया.
इसके बाद श्रीकृष्ण ने अर्जुन को समझाया कि अभी सूर्यास्त नहीं हुआ था बल्कि मेरे आग्रह पर सूर्यदेव मेरे सुदर्शन चक्र की ओट में चले गए थे.
इस तरह सूर्यदेव ने दिन ढलने से पहले ही खुद को गायब करने के चमत्कार से अर्जुन की प्रतिज्ञा पूरी कराकर उसकी जान बचाई थी.
DISCLAIMER: यह पूरी जानकारी सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं व आस्थाओं पर आधारित है. इसकी सत्यता की पुष्टि DNA Hindi नहीं करता है.
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