Oct 19, 2023, 02:03 AM IST

कहां छिपाकर रखा है महाभारत के कर्ण का कवच-कुंडल

Kuldeep Panwar

महाभारत का युद्ध भले ही कौरवों और पांडवों के बीच हुआ था, लेकिन इस युद्ध में बहुत सारे महान वीर दोनों ही सेनाओं की तरफ से लड़े थे. इनमें कर्ण भी थे, जो कौरव सेना की तरफ से लड़े थे.

कर्ण वास्तव में पांडवों के ही सबसे बड़े भाई थे, जिनका जन्म पांडवों की माता कुंती के महाराज पाण्डु से विवाह से पहले भगवान सूर्यदेव के आशीर्वाद से हुआ था. लोकलाज के डर से कुंती ने उन्हें नदी में बहा दिया था.

कर्ण को इतिहास में अर्जुन के बराबर का ही धनुर्धारी माना जाता है. हालांकि अर्जुन ने ही महाभारत में कर्ण का वध किया था, लेकिन इसके लिए कर्ण का महादानी होना जिम्मेदार था.

दरअसल कर्ण भगवान सूर्यदेव के अवतार थे. उन्हें भगवान सूर्य ने जन्म के समय से ही ऐसे कवच-कुंडल दे रखे थे, जिन्हें कोई भी हथियार नहीं भेद सकता था. इस कारण कर्ण अजेय थे.

महाभारत के युद्ध में भी कर्ण के पास यदि ये कवच-कुंडल होते तो अर्जुन उन्हें नहीं हरा सकते थे. भगवान श्रीकृष्ण भी ये बात जानते थे. इस कारण उन्होंने एक खास चाल चली थी.

कृष्ण के कहने पर अर्जुन के दैविक पिता भगवान इंद्र ने ब्राह्मण के भेष में जाकर कर्ण से उस समय उनके कवच-कुंडल दान में मांग लिए थे, जब कर्ण दान में मांगी कोई भी वस्तु देने से मना नहीं कर सकते थे.

कर्ण ने यह जानते हुए भी कि कवच-कुंडल के बिना उनकी मौत हो जाएगी. अपने शरीर से खुरचकर कवच-कुंडल इंद्र को दे दिए थे. इसके बाद ये कवच-कुंडल कहां गए, इसका जवाब सब जानना चाहते हैं.

दरअसल कर्ण के कवच-कुंडल इंद्र ने कहां रखे थे, इसे लेकर की तरह की कहानियां प्रचलित हैं. कुछ लोगों का मानना है कि ये कवच-कुंडल हिमालय की किसी गुफा में हैं, जहां इंसान नहीं पहुंच सकता है.

सबसे ज्यादा प्रचलित मान्यता ओडिशा के पुरी धाम के निकट कोणार्क को लेकर है, जहां विश्व प्रसिद्ध सूर्य मंदिर भी मौजूद है. मान्यता है कि वहीं पर ये कवच-कुंडल छिपाए गए हैं.

कहा जाता है कि इंद्र छल से लिए कवच-कुंडल लेकर स्वर्ग नहीं जा सकते थे. इस कारण उन्होंने कोणार्क में कवच-कुंडल छिपा दिए थे, जिनकी रक्षा सूर्यदेव और समुद्र देव, दोनों करते हैं.

एक मान्यता छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के दुर्गम जंगली इलाके की एक गुफा को लेकर भी है. इस गुफा के अंदर से सूर्य जैसा प्रकाश निकलता है, लेकिन कोई भी अंदर नहीं जा पाता है.

कर्ण के कवच-कुंडल को क्यों छिपाया गया था? यदि ये सवाल आपके दिमाग में है तो जान लीजिए कि इन्हें ताकत व ऊर्जा का अपार भंडार माना जाता है, जिसे सामान्य व्यक्ति नहीं संभाल सकता है.