Mar 13, 2024, 11:02 PM IST

यहां एकसाथ पूजा करने पर हो जाता है पति-पत्नी में तलाक

Kuldeep Panwar

मंदिर हो या हवन, भारतीय संस्कृति में जोड़े यानी पति-पत्नी का ही पूजा करना शुभ मानते हैं. लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है, जहां ये विधान लागू नहीं होता.

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के करीब रामपुर बुशहर के श्रीकोटि माता मंदिर में पति-पत्नी के एकसाथ दर्शन करने पर रोक है.

मान्यता है कि श्राईकोटि माता मंदिर में यदि पति-पत्नी एकसाथ मां दुर्गा के दर्शन या पूजा करें तो उनकी जिंदगी अलग हो जाती है यानी उनका रिश्ता टूट जाता है.

समुद्रतल से 11 हजार फीट ऊंचाई पर बने इस मंदिर की यह मान्यता भगवान शिव व माता पार्वती और उनके पुत्रों कार्तिकेय व गणेश जी से जुड़ी है.

पौरोणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने कार्तिकेय व गणेश को ब्रह्मांड की परिक्रमा कर पहले लौटकर आने की चुनौती दी. कार्तिकेय मयूर पर सवार होकर चल दिए.

गणेश ने माता-पिता यानी शिव-पार्वती की परिक्रमा कर ब्रह्मांड की परिक्रमा का दावा किया. उन्होंने कहा, मां-पिता के चरणों ही संपूर्ण ब्रह्मांड होता है.

गणेश की बुद्धिमानी से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनका विवाह करा दिया. कार्तिकेय जब लौटे तो छोटे भाई का विवाह पहले हुआ देख नाराज हो गए.

कथा के मुताबिक, कार्तिकेय ने आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत के पालन की घोषणा कर दी, जिससे मां पार्वती नाराज हो गईं और उस स्थान को श्राप दे दिया.

पार्वती ने कहा, जो यहां विवाहित जोड़े के तौर पर पूजा करेगा, वो हमेशा के लिए अलग हो जाएगा. मान्यता है कि श्राईकोटि माता मंदिर उसी जगह स्थित है.

इस मंदिर में मां दुर्गा के साथ ही भगवान गणेश पत्नियों के साथ विराजित हैं. मां पार्वती के शाप के कारण ही यहां जोड़ों का पूजा करना वर्जित है.

इस मंदिर में पति-पत्नी के आने पर पहले एक पूजा करने के लिए अंदर जाता है. उसके बाहर आने के बाद दूसरा अंदर जाकर पूजा करता है.

मान्यता है कि इस बात को नहीं मानने वाले जोड़ों को कई तरह की अनहोनियों का सामना करना पड़ता है, जिससे वे अलग-अलग हो जाते हैं.

DISCLAIMER: यह पूरी जानकारी सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं व आस्थाओं पर आधारित है. इसकी सत्यता की पुष्टि DNA Hindi नहीं करता है.