मां लक्ष्मी धन की कारक हैं. उन्हें उलूक वाहिनी भी कहा जाता है.
इसकी वजह मां लक्ष्मी की सवारी उल्लू का होना है.
ज्यादातर लोग सोचते हैं कि आखिरी माता लक्ष्मी ने अपने वाहन के रूप में उल्लू को ही क्यों चुना. आइए जानते हैं
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब पृथ्वी पर पशु और पक्षियों का निर्माण हुआ था. तब सभी देवी देवता अपने अपने वाहन का चुनाव कर रहे थे. तब मां ने बहुत सोच विचार किया.
सभी पशु पक्षी धन की देवती मां लक्ष्मी का वाहन बनना चाहते थे. सभी ने माता लक्ष्मी से वाहन के रूप में अपना अपना चुनाव करने की मांग की.
इस पर मां लक्ष्मी ने कहा कि वह कार्तिक अमावस्या पर धरती पर फिर से आएंगी. उस समय जो मेरे पास सबसे पहले आएगा मैं उसे अपना वाहन बना लूंगी.
कार्तिक अमावस्या की रात आते ही सभी पशु पक्षी मां लक्ष्मी के आने की राह देखने लगे. जैसे ही रात में अंधेरी हुआ. मां लक्ष्मी धरती पर पधारी.
उल्लू ने अपनी तेज नजरों से मां लक्ष्मी को पहचान लिया. वह उनके पास पहुंच गया. इसके बाद माता ने उल्लू को अपना वाहन बना लिया.
तभी से मां लक्ष्मी के वाहन उल्लू को शुभता और संपत्ति का प्रतिक माना जाता है. यही वजह है कि उल्लू भूत और भविष्य काल का पूरा सार जानता है.