Apr 5, 2023, 05:41 PM IST

 हनुमान जी के तीन सबसे शक्तिशाली अवतार और उनकी खासियत

Manish Kumar

शिव के 11वें रुद्र अवतार हनुमान जी ऊर्जा और शक्ति के प्रतीक माने जाते हैं. इनकी आराधना से कीर्ति, बल, आरोग्य और निर्भिकता बढ़ती है.

भारतीय वेद-शास्त्रों में शक्तियों, गुणों और शक्तियों के आधार पर हनुमान जी के कई रूपों की महिमा बताई गई है. आज हम उन्हीं में से उनके 3 शक्तिशाली रूपों के बारे में आपको बताएंगे.

हनुमान जी का ये स्वरुप सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाला है. विराट स्वरूप वाले हनुमान जी के 5 मुख, 15 नेत्र, 10 भुजाएं हैं और ये 10 आयुध यानी शस्त्र भी धारण करते हैं.

पंचमुखी हनुमान

हनुमान का पूर्व की ओर वानर मुख है जिसकी प्रभा करोड़ों सूर्य के समान है. दक्षिण की ओर नरसिंह मुख शरण में आए भक्त के भय को दूर करता है.

पंचमुखी हनुमान

पश्चिम दिशा वाला गरुड़ मुख सभी प्रकार के नागों और भूत-प्रेत को भगाता है. उत्तर दिशा की ओर वाराह मुख के दर्शन से पाताल में रहने वाले जीवों के भय का विनाश होता है.

पंचमुखी हनुमान

हयग्रीव मुख असुरों का संहार करने वाला है. पंचमुखी अवतार में भगवान के 5 रूप समाएं हुए हैं. 

पंचमुखी हनुमान

इस रूप की आराधना करने से 5 वरदान प्राप्त होते हैं. हनुमान जी के नेत्रों से अध्यात्मिक, आधी दैविक और आधी तापिक (काम, क्रोध और लोभ) से छुटकारा मिलता है.

पंचमुखी हनुमान

इनका वर्णन अथर्वण रहस्य में है. इस रूप में हनुमान जी अपने हाथों में वृक्ष, पहाड़, चक्र, खेतक, हल, गदा, अंकुश, सर्प, अमृत कलश, बाण, कमान, शूल आदि मौजूद हैं.

सप्तमुखी हनुमान

हनुमान जी के इस रूप में सात मुख हैं, हनुमान, नरसिंह, हयग्रीव, वाराह, गरूड़, गौ और मुनष्य. 14 भुजाओं और 21 नेत्रों वाले इस रूप को काफी शक्तिशाली माना जाता है.

सप्तमुखी हनुमान

इनकी आराधना से दैत्य, यक्ष और ब्रह्मराक्षस आदि के प्रकोपों से रक्षा होती है. विरोधियों द्वारा चलाए गए शस्त्र, तंत्र-मंत्र सभी स्थितियों में सप्तमुखी रूप आपकी रक्षा करता है.

सप्तमुखी हनुमान

कालकारमुख नाम के अतिशक्तिशाली राक्षस को खत्म करने के लिए हनुमान जी ने ये रूप धारण किया था. इसमें हनुमान जी के 11 मुख हैं जो अलग-अलग शक्तियों के प्रतीक हैं

अतिशक्तिशाली एकादशमुखी