भगवान राम की बात आती है तो उनके साथ सीता जी का नाम खुद ही जुड़ जाता है. मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाने वाली राम ने अपनी पत्नी सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए युद्ध किया था.
रामायण की याद लोगों को भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण द्वारा पिता के वचन की लाज रखने के लिए अयोध्या का सुख छोड़कर 14 साल वनों में भटकने के लिए आती है.
भगवान राम के वनवास के अलावा रामायण में जो तीन सबसे प्रमुख बातें हैं, वो राम-सीता स्वयंवर, राम-रावण युद्ध और धोबी का तंज सुनकर प्रभु राम का माता सीता का त्याग कर देना है.
वाल्मिकी रामायण हो या तुलसीदास की रामचरित मानस या फिर इनका किसी अन्य भाषा का संस्करण, किसी में भी यह नहीं बताया गया है कि राम की सीता के अलावा अन्य पत्नी भी थीं.
आज हम आपको भगवान राम के विवाह से जुड़ी रोचक बातों की जानकारी देते हैं. साथ ही ये भी बताते हैं कि भगवान राम ने कितने विवाह किए थे यानी उनकी कितनी पत्नियां थीं.
रामायण की प्रचलित कथाओं के मुताबिक, अयोध्या के राजा दशरथ के सबसे बड़े पुत्र राम ने राजा जनक की पुत्री सीता के साथ विवाह किया था. यह विवाह स्वयंवर में शिव धनुष उठाने से हुआ था.
रामायण के किसी भी अध्याय का जिक्र हो भगवान राम की एक ही पत्नी यानी माता सीता का नाम ही सामने आता है. वाल्मिकी रामायण से लेकर रामचरित मानस तक में यही नाम है.
राम ने अयोध्या का राजा बनने के बाद जब धोबी के तंज पर माता सीता को त्यागकर वन में भेज दिया था, तब भी उनके दूसरा विवाह करने का कोई तथ्य किसी मौखिक लोककथा में भी नहीं है.
यहां तक कि भगवान राम ने जब अश्वमेध यज्ञ किया था, तब भी हवन में आहुति देने के दौरान पत्नी के तौर पर उनके बराबर में माता सीता की ही स्वर्ण मूर्ति बनाकर रखने का जिक्र मिलता है.
इन सब बातों को बताने का सार यही है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की एकमात्र पत्नी सीता जी ही थीं. इसी कारण दोनों का नाम एक-दूसरे के बिना यानी सीता-राम कहे बिना नहीं लिया जाता है.