Jan 9, 2024, 11:42 PM IST

राम मंदिर के गोल्डन गेट में कितना सोना लगा है, देखें पहली फोटो

Kuldeep Panwar

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है. मंदिर में 22 जनवरी को 450 साल से भी ज्यादा अरसे बाद रामलला अपनी जन्मभूमि में छत के नीचे विराजेंगे.

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां भव्य तरीके से चल रही हैं तो साथ ही मंदिर के भवन का निर्माण कार्य भी जोरशोर से चल रहा है. इस बीच मंदिर में पहला दरवाजा भी लग गया है.

राम मंदिर में 46 दरवाजे लगने हैं, जिनमें से चार को सादा रखा जाएगा और बाकी 42 दरवाजों पर 100 किलोग्राम सोने की परत चढ़ाई जाएगी. साथ ही इन पर खूबसूरत नक्काशी होगी.

रामलला के मंदिर में पहला गोल्डन गेट लगा दिया गया है, जिसकी पहली तस्वीर भी सामने आ गई है. सोने की परत से ढका गया यह पहला गेट रामलला के गर्भगृह के मुख्य द्वार पर लगा है.

यह दरवाजा फर्स्ट फ्लोर पर लगाया गया है. मंदिर में सीढ़ियों के पास लगाए जाने वाले चार दरवाजे बिना सोने की परत के रहेंगे, लेकिन बाकी सभी दरवाजों पर सोना चढ़ा होगा.

राम मंदिर के गर्भगृह का पहला दरवाजा 12 फीट ऊंचा और 8 फुट चौड़ा है, जिस पर खूबसूरत नक्काशी की गई है. सोने की चमक से दमक रहे दरवाजे की भव्यता देखने लायक है.

गर्भगृह में लगे गोल्डन गेट में नक्काशी के द्वारा ठीक बीच में दो वैभव प्रतीक गज यानी हाथी इस तरह लगाए गए हैं कि मानों वे आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत कर रहे हैं.

दरवाजे के ऊपरी हिस्से में महल जैसी आकृति है तो प्रणाम स्वागत मुद्रा में दो देवियां दिख रही हैं. विष्णु कमल भी मौजूद है. दरवाजे के निचले हिस्से में भी चौकोर आकार में खूबसूरत नक्काशी की गई है.

महाराष्ट्र के चंद्रपुर से लाई गई खास सागौन के प्राचीन वृक्षों की लकड़ी से बन रहे राम मंदिर के दरवाजों को लेकर दावा किया जा रहा है कि ये अगले 1,000 साल तक नहीं सड़ेंगे.

राम मंदिर में अगले चार दिन के दौरान ऐसे 13 गोल्डन गेट और लगाए जाएंगे. इन्हें बनाने का काम हैदराबाद की अनुराधा टिंबर फर्म को मिला है, जो 100 साल से ये काम कर रही है.

अनुराधा टिंबर फर्म ने अयोध्या में ही दरवाजे बनाने के लिए अस्थाई वर्कशॉप बना रखी है, जिससे नागर शैली के दरवाजे बनने के दौरान मंदिर समिति उसके डिजाइन का ध्यान रख सके.

दरवाजों की डिजाइन में सनातन संस्कृति और भव्यता का खास ध्यान रखा गया है. इन दरवाजों पर नक्काशी करने के लिए तमिलनाडु के कन्याकुमारी से कारीगर बुलाए गए हैं.