Sep 18, 2024, 01:17 AM IST

8 भारतीय शहर जिनमें खुद रहते हैं भगवान

DNA WEB DESK

भारत में दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं का निवास था, इसकी पुष्टि मोहन जोदाड़ो और हड़प्पा आदि की पुरातात्विक खुदाई से हो चुकी है.

भारत के कई शहरों को खुद भगवान का बसाया हुआ माना जाता है. इन पौरोणिक शहरों में माना जाता है कि भगवान आज भी खुद बसते हैं.

भगवान श्रीराम के जन्म स्थल अयोध्या को अथर्ववेद में देवताओं द्वारा निर्मित शहर बताया है. मान्यता है कि सरयू नदी किनारे बसी अयोध्या में रात के समय खुद हनुमान पहरा देते हैं.

उज्जैन की मौजूदगी के चिह्न 600 ईसा पूर्व तक मिलते हैं. क्षिप्रा नदी किनारे बसे उज्जैन में भगवान महादेव के महाकाल रूप को राजा माना जाता है.

ओडिशा के पुरी मंदिर में भगवान जगन्नाथ दोपहर का विश्राम करते हैं. यही कारण है कि मंदिर के अंदर समुद्री लहरों का शोर नहीं आता और मंदिर की पताका हवा के विपरीत लहराती है. 

वृंदावन धाम में भगवान बांके बिहारी श्रीकृष्ण मौजूद हैं. यमुना किनारे निधिवन में रात के समय उनकी रासलीला होती है, जिसके चलते वहां किसी को जाने की अनुमति नहीं है.

कर्नाटक का हम्पी शहर भगवान हनुमान की जन्मस्थली है. यहां के विरुपाक्ष मंदिर में घुसते ही भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी सुनाई देने लगती है.

मदुरै की मौजूदगी भी 600 ईसा पूर्व से पहले तक इतिहास में मिलती है. मान्यता है इस शहर में भगवान शिव से अमृत गिरा था, जिसे पीने के लिए सभी देवता यहां वास करते हैं. 

खुद भगवान श्रीकृष्ण का बसाया पुराना द्वारका शहर भले ही आज समुद्र में डूबा हुआ है, लेकिन मुरली मनोहर ने यहीं अंतिम सांस ली थी और मान्यता है कि वे आज भी यहां रहते हैं.

कहते हैं वाराणसी यानी काशी भगवान महादेव के त्रिशूल की नोंक पर बसी है. मान्यता है कि धरती की शुरुआत के साथ जन्मी काशी में आज भी रात को गलियों में महादेव घूमते हैं.

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