Jul 24, 2024, 07:06 AM IST

कहां रखे हैं कर्ण के कवच और कुंडल? जिसे मिल गए वो बन जाएगा सर्वशक्तिमान

Aman Maheshwari

महाभारत से जुड़े कई सारे किस्से हैं जिनके बारे में लोग कम ही जानते हैं. महाभारत के योद्धा कर्ण के पास कवच और कुंडल थे जो एक वरदान थे.

कर्ण को कवच और कुंडल के साथ कोई भी नहीं हरा सकता था. कर्ण का जन्म माता कुंती और सूर्य के अंश से हुआ था. कर्ण का जन्म इन कवच और कुंडल के साथ हुआ था.

एक बार देवराज इंद्र ने छल-कपट से कर्ण के कवच और कुंडल छीन लिये थे. वह किसी को दान के लिए मना नहीं करते थे.

देवराज इंद्र ने भिक्षुक का वेश बनाकर कवच और कुंडल दान में मांग लिये थे. इसके बाद अर्जुन ने कृष्ण के इशारे पर कर्ण का वध कर दिया था.

देवराज इंद्र को इन कवच और कुंडल के साथ स्वर्ग में नहीं जाने दिया था. क्योंकि उन्होंने इन्हें झूठ बोलकर प्राप्त किया था.

ऐसे में उन्होंने इसे समुद्र के किनारे छिपा दिया था. ऐसी मान्यता है कि, कर्ण के कवच और कुंडल पुरी के पास कोणार्क मंदिर में हैं.

यहां तक किसी का भी पहुंचना बहुत ही मुश्किल है. अगर यह कवच और कुंडल किसी को मिल गए तो वह सर्वशक्तिमान बन जाएगा.

ऐसी मान्यता है कि, समुद्र और सूर्य देव इस कवच और कुंडल की रक्षा कर रहे हैं. इन्हें हासिल करना किसी के लिए आसान नहीं है.

Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.