Jul 12, 2024, 10:16 PM IST

मां कुंती की इस एक बात को मानने से कर दिया था पुत्र कर्ण ने इनकार

DNA WEB DESK

कर्ण को जन्म कुंती ने दिया था लेकिन अविवाहित मां बनने की वजह से उन्होंने उन्हें गंगा में बहा दिया था. 

कुंती को जब कर्ण के बारे में पता चला, तो महाभारत के युद्ध से पहले वह उनसे मिलने के लिए गई थीं. 

कुंती ने कर्ण से आग्रह किया कि वह कौरवों का साथ छोड़ दें और पांडवों में सबसे बड़े हैं, तो वही राजा बनेंगे. 

इसी दौरान कुंती ने कर्ण से कहा था कि वह खुद को राधेय (राधा पुत्र) न कहें, बल्कि कौन्तेय कहें क्योंकि वही उनकी मां हैं. 

इसके जवाब में कर्ण ने कहा था कि अधिरथ और राधा ही उनके माता-पिता हैं और वह हमेशा उनके पुत्र रहेंगे. 

कर्ण ने कुंती की मांग न मानते हुए कहा था कि दुर्योधन उनके मित्र हैं और उन्होंने उन्हें अंगराज बनाया है. 

कर्ण ने कहा कि दुर्योधन ने मेरे साथ मित्रता निभाई है और मैं युद्ध में भी मैत्री धर्म का पालन करने से नहीं हटूंगा. 

हालांकि, कर्ण ने कुंती से आशीर्वाद लेते हुए कहा था कि वह युद्धनीति का पूरी ईमानदारी से पालन करेंगे.

युद्ध के मैदान में जब कर्ण की मृत्यु हुई थी तो कुंती उनके शव के पास जाकर बिलखकर रोने लगी थीं.