Jan 2, 2024, 09:35 AM IST

महर्षि वाल्मीकि के बारे में जानें ये 5 रोचक तथ्य

Ritu Singh

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में वाल्मीकि हवाईअड्डे का उद्घाटन किया है. जानिए कौन हैं महर्षि वाल्मिकी और क्या है उनका रामायण से संबंध.

महर्षि वाल्मीकि को आदि कवि या संस्कृत का 'प्रथम मूल कवि' भी कहा जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने रामायण को संस्कृत रचा था और ये साहित्यिक परंपरा में पहला महाकाव्य माना जाता है.

वाल्मीकि को भगवान राम की कहानी का मूल लेखक माना जाता है लेकिन तुलसीदास का रामचरितमानस आज भी अधिक लोकप्रिय है.

ऋषि वाल्मीकि की जाति को लेकर विवादित बहस चल रही है. देश भर में कई अनुसूचित जातियां अपना वंश ऋषियों से मानती हैं. कुछ धार्मिक ग्रंथों में उनका उल्लेख ब्राह्मण के रूप में किया गया है.

वाल्मीकि की जाति पहचान पर विवाद के पीछे एक कारण उनकी लोकप्रिय कहानी है. ऋषि बनने से पहले, वाल्मिकी रत्नाकर के नाम से जाने जाते थे और एक डाकू और शिकारी थे.

जबकि कुछ कहानियों के अनुसार, वह वास्तव में जंएक ब्राह्मण के यहां पैदा हुआ था. बाद में उसे एक शिकारी जोड़े ने गोद ले लिया. एक कहानी का दावा है कि उनका जन्म एक भील राजा के यहाँ हुआ था. वह ग्रामीणों और यात्रियों को लूटकर अपना जीवन यापन करता था.

एक दिन उनकी मुलाकात नारद मुनि से हुई और उनका जीवन बदल गया. दूसरों के विपरीत, नारद रत्नाकर से डरते नहीं थे, बल्कि उन्होंने उससे बात की, जिससे उसे एहसास हुआ कि वह जो कर रहा था वह गलत था और उसे अपनी आदत में सुधार करना चाहिए. 

रत्नाकर ने संत से उसे क्षमा करने और उसके पाप का प्रायश्चित करने में मदद करने की प्रार्थना की. नारद ने रत्नाकर से राम नाम का जाप करने को कहा .