May 25, 2024, 10:05 PM IST
मनुष्य रूप में देव वसु थे भीष्म पितामह, पिता से मिला था ये वरदान
Nitin Sharma
महाभारत में अहम किरदारों में से एक भीष्म पितामह थे. उन्होंने अपने पिता की खुशी के लिए राजपाठ छोड़ दिया था.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मनुष्य रूप में जन्में भीष्म पितामह वसु देव थे. वह मां गंगा के पुत्र थे.
ऋषि वशिष्ठ के श्राप की वजह से ही वसु देव का जन्म पृथ्वी माता गंगा की कोख से हुआ था.
पिता शांतनु ने वसु देव का नाम देवव्रत रखा था. वहीं मां गंगा जन्म के बाद ही उन्हें छोड़कर चली गई थी.
पिता की खुशी के लिए देवव्रत ने जीवन भर ब्रह्मचर्य लेने का फैसला किया. इस बात का पता लगते ही शांतनु बड़े प्रसन्न हुए.
शांतनु ने बेटे देवव्रत का इस तरह का संकल्प लेकर सत्यवती के वापसी कराने पर उन्हें भीष्म नाम दिया.
भीष्म पितामह ने ब्रह्मचर्य का कड़ा पालन कर योग विद्या द्वारा अपने शरीर को पुष्य कर लिया था.
पिता शांतनु ने बेटे भीष्म को अपनी खुशी के लिए बलिदान करते देख प्रसन्नता जताई और उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान दिया.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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