Jun 28, 2024, 09:06 PM IST

भीष्म पितामह के बाण शैय्या पर लेटने के पीछे थी ये वजह

Smita Mugdha

महाभारत की कथा के मुताबिक, भीष्म पितामह बहुत पराक्रमी थे और उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान था. 

इसके बावजूद उन्होंने इच्छा मृत्यु के लिए बाणों की शैय्या को ही क्यों चुना? यह सवाल बहुतों के मन में आता है. 

भीष्म पितामह ने श्रीकृष्ण से पूछा कि उन्होंने पिछले 100 जन्मों में कोई पाप नहीं किया था, फिर भी उन्हें यह कष्ट क्यों झेलना पड़ा. 

इसके जवाब में श्रीकृष्ण ने कहा कि 101 जन्म पहले उनके रथ से कर्केटा पक्षी टकरा गया था और उनके बाण से झाड़ियों में गिर गया. 

कर्केटा पक्षी 18 दिनों तक झाड़ियों में अटका रहा और इसी वजह से भीष्म पितामह को भी वैसा कष्ट भोगना पड़ा था.

इसके अलावा, द्रौपदी के चीरहरण के वक्त वह सिर झुकाए बैठे थे इस वजह से भी उन्हें बाण शैय्या मिली थी. 

भीष्म पितामह ने बाण शैय्या पर लेटे रहने के दौरान उन्होंने पांडवों और द्रौपदी को जीवन की अहम सीख दी थी.

भीष्म पितामह ने पांडवों और द्रौपदी को समझाया था कि महाभारत का युद्ध धर्म और मर्यादा की रक्षा के लिए है.

भीष्म पितामह ने उत्तरायण के दिन अपने शरीर का त्याग किया था.