Sep 3, 2024, 05:07 PM IST
वनवास में खाना पकाते हुए क्यों नहीं जलते थे द्रौपदी के हाथ?
Smita Mugdha
महाभारत की कथा में हम सब जानते हैं कि द्रौपदी और पांडवों को जुए में सब कुछ हारने के बाद वनवास में रहना पड़ा था.
वनवास में रहते हुए द्रौपदी ने और पांडवों ने काफी कष्ट सहे थे और उन्हें मुश्किल स्थितियों का सामना करना पड़ता था.
इसके बावजूद भी द्रौपदी को अपनी सास और पतियों के लिए खाना बनाते हुए कभी ज्यादा तकलीफ नहीं हुई थी.
खाना बनाते हुए न तो कभी उनके हाथ ही जलते थे और न ही खाना कभी भी किसी के लिए कम पड़ता था.
द्रौपदी का जन्म यज्ञ की अग्नि से हुआ था और उन्हें अग्निदेव का आशीर्वाद था.
अग्नि की तेज लपटें भी द्रौपदी को किसी तरह से जला नहीं पाती थीं.
द्रौपदी को सूर्यदेव ने आशीर्वाद के तौर पर एक अक्षय पात्र दिया था जिसमें खाना कभी कम नहीं पड़ता था.
रूपवती होने के साथ ही द्रौपदी बेहद बहादुर भी थीं और स्वभाव से दयालु थीं.
द्रौपदी की वीरता और ईमानदारी जैसे गुणों को खुद भगवान श्रीकृष्ण भी बेहद पसंद करते थे.
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