May 12, 2024, 04:59 PM IST
महाभारत में मायावी थी ये मतस्य कन्या, शरीर से आती थी मछली की गंध
Smita Mugdha
महाभारत की पूरी कथा में कई दिलचस्प किरदार हैं जो इंसानी स्वभाव और जीवन के लिए सबक भी हैं.
ऐसे ही रोचक किरदारों में से एक किरदार मतस्य कन्या का भी है जिसे बेहद रूपवान होने के साथ मायावी भी समझा जाता है.
मतस्य कन्या के पास कई दैवीय शक्तियां थीं और भीष्म के अविवाहित रहने के फैसले के पीछे भी यह एक वजह थीं.
यह मतस्य कन्या कोई और नहीं बल्कि रिश्ते में भीष्म पितामह की सौतेली मां सत्यवती ही थीं.
सत्यवती को मतस्यगंधा के भी नाम से जाना जाता है, क्योंकि उनके शरीर से मछली की गंध आती थी.
पाराशर ऋषि के वरदान के बाद उनके शरीर से मछली की गंध हमेशा के लिए खत्म हो गई थी.
बाद में उनका विवाह भीष्म के पिता शांतनु से हुआ और वह रानी और फिर राजमाता बनी थीं.
भीष्म पितामह ने सत्यवती को वचन दिया था कि वह आजीवन अविवाहित रहेंगे और उनका पुत्र ही राजा बनेगा.
सत्यवती के पास कई दैवीय गुण भी थे, जैसे कि वह कुशलता से नाव चला सकती थीं और उन्हें लहरों की दिशा का ज्ञान था.
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