Mar 24, 2024, 06:52 PM IST

महाभारत की वो 5 महिलाएं, जिनके आगे बड़े-बड़े योद्धाओं ने भी झुका दिए थे सिर

Rahish Khan

महाभारत में पुरुषों की ही नहीं, बल्कि महिलाओं की भी भूमिका बेहद अहम थी. 

इन महिलाओं ने अपनी जिद, ज्ञान और शौर्य के आगे बड़े-बड़े महारथियों को लोहे के चने चबवा दिए थे.

कौन थीं ये महिलाएं और इनकी भूमिका क्या थी आइये जानते हैं.

राजा शांतनु की दूसरी पत्नी सत्यवती एक ऐसी महिला थी. जिसके कारण भीष्म को ब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा लेनी पड़ी थी.

महारानी सत्यवती

शांतनु से विवाह के दौरान सत्यवती ने शर्त रखी थी कि उनसे जन्मी संतान ही हस्तिनापुर के सिंहासन पर बैठेगी. इस वजह से भीष्म सिंहासन पर नहीं बैठ पाए थे.

धृतराष्ट्र की पत्नीं गांधारी का भी राजकाज में बहुत दखल रहा था. उन्होंने अपनी शक्ति से दुर्योधन के अंग को वज्र बना दिया था. श्रीकृष्ण को कुल नाश का श्राप भी गांधारी ने दिया था.

राजकुमारी गांधारी

कुंती का किरदार महाभारत में अहम रहा है. एक शक्तिशाली महिला बनकर उन्होंने हस्तिनापुर में प्रवेश किया था. कुंती के कहने पर धृतराष्ट्र और गांधारी को पांडवों को पांडु पुत्र मानना पड़ा था. 

कुंती

द्रौपदी को महाभारत युद्ध का सबसे बड़ा कारण माना गया. उन्होंने दुर्योधन को 'अंधे का पुत्र भी अंधा' कहा था. जिसकी वजह से दुर्योधन खफा हो गए थे.

द्रौपदी 

भगवान कृष्ण की बहन सुभद्रा ने अर्जुन ने शादी की थी. द्वारिका में सुभद्रा और अर्जुन का विवाह हुआ था. शादी के 12 साल बाद अर्जुन सुभद्रा संग इन्द्रप्रस्थ लौटे थे.

सुभद्रा