हनुमान जी से शर्त हार गए थे महाभारत के ये महान योद्धा
Anamika Mishra
एक बार भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को राम जी के बगीचे में पुष्प लेने के लिए भेजा. जब हनुमान जी की नजर अर्जुन पर पड़ी तब उन्होंने अर्जुन से पूछा तुम फूल चोरी क्यों कर रहे हो.
इस पर अर्जुन ने कहा कि जो फूल भगवान कृष्ण की पूजा के लिए तोड़े गए उसमें चोरी कैसे इस बात को सुनकर हनुमान जी मुस्कुराने लगे.
अर्जुन ने हनुमान जी से पूछा कि आप श्री कृष्ण का नाम सुनकर क्यों हंस पड़े. इस बात का उत्तर देते हुए हनुमान जी बोले जिसके भगवान ही चोर हों उसे कोई क्या बोले.
यह बात सुनकर अर्जुन बेहद क्रोधित हो गए और कहा कि भगवान राम तो हर समय हाथ में धनुष लिए रहते हैं फिर एक बार चलाकर समुद्र पर पुल क्यों नहीं बन सके?
इसके बाद अर्जुन ने हनुमान जी से शर्त लगाई कि वह अपने धनुष का इस्तेमाल करके पूरे समुद्र पर पुल बन सकते हैं.
हनुमान जी ने कहा भगवान राम के बने पुल पर पूरी वानर चली थी. अगर तुम्हारे बनाए पुल को केवल मैं अकेला पार कर गया तो तुम जो कहोगे मैं वो करूंगा.
क्रोध में आकर अर्जुन ने भी कहा यदि पुल टूटा तो मैं अग्नि में जलकर भस्म हो जाऊंगा. इसके बाद अर्जुन ने हजारों तीर की वर्षा करके समुद्र पर एक विशाल पुल का निर्माण किया.
इसके बाद हनुमान जी ने जैसे ही पुल पर पैर रखा, उनके चरण के स्पर्श से ही समस्त पुल टूट गया.
हारने पर अर्जुन अग्नि में जलकर प्राणों की आहुति देने चल दिया, इसके बाद हनुमान जी ने कहा इसकी कोई जरूरत नहीं. तब भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को अपने प्राण त्यागने से रोका.
यह खबर सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टी नहीं करता है.